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एशियन हॉस्पिटल के डा० पांडे का छीना जा सकता है पदमश्री अवार्ड! जानिए कैसे?

गुंडई पर उतरा एशियन हॉस्पिटल प्रशासन, WCRA सेक्टर-21ए करेगी प्रदर्शन
मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 9 फरवरी: जब देश के प्रतिष्ठित पदमश्री जैसे अवार्ड से सम्मानित डा० एन.के. पांडे सरीखे लोग ही गैर-कानूनी कार्य करने के बावजूद खुली गुंडागर्दी करेंगे तो फिर किसी ओर से क्या उम्मीद की जा सकती है। जी हां, हम बात कर रहे हैं सैक्टर-21 में सारे सरकारी कायदे-कानूनों को तोड़कर बने उस एशियन हॉस्पिटल की जिसका कि रोजाना ही किसी ना किसी विवाद में नाम आता रहता है। चाहे मामला बेसमेंट में पार्किंग की जगह पर व्यवसायिक रूप से जिम व लैब चलाने का हो, ग्रीन बेल्ट पर जबरन गाडिय़ों की पार्किंग कराने का हो, अवैध बोर करने का हो, पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने का हो, अस्पताल परिसर में अवैध निर्माण व बैसमेंट के व्यवसायिक इस्तेमाल का हो, मेडिकल वेस्ट खुले में फैंकने का हो या फिर खुलेआम गुंडागर्दी करवाने का हो, एशियन हॉस्पिटल के संचालकों ने इन सब कामों में महारत हासिल कर रखी है। शासन-प्रशासन में अपनी मजबूत पकड़ का दावा करने वाले डॉ. पांडे के रसूख का ही परिणाम दिखता है कि स्थानीय निवासियों के भारी विरोध के बावजूद भी आज तक कोई उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं करवा पाया। शायद यहीं कारण रहा है कि अब अस्पताल के बाऊंसरों ने स्थानीय निवासियों के विरोध के बावजूद भी सेक्टर के गेट 2ए के बरसों पुराने ताले को तोड़कर वहां का गेट भी खोलकर पार्किंग करवानी शुरू करवा दी है। डा० पाण्डेय की इस कार्यशैली से सेक्टर-21ए के लोग काफी तंग हैं क्योंकि अपने ऊंचे संबंधों की धौंस दिखाकर डा० पांडे का एशियन अस्पताल न केवल यहां के पर्यावरण से खिलवाड़ कर रहा है बल्कि लोगों के घरों के आगे अवैध पार्किंग करवा कर उनके मौलिक व मानवीय अधिकारों का भी हनन कर रहा है। लोगों ने अब परेशान होकर वेलफेयर कल्चरल एंड रिक्रेशनल एसोसिएशन (डब्ल्यूसीआरए) सैक्टर-21ए के माध्यम से पुलिस में हॉस्पिटल के विरूद्ध शिकायत की है। स्थानीय निवासियों का आरोप है कि एशियन के बाऊंसर व सुरक्षा प्रभारी अमरजीत लोगों को डराते-धमकाते है, गाली-गलौच करते हैं। आरोप है कि इनका विरोध करने पर वह अपने हथियारों का डर दिखाकर सरेआम गुंडागर्दी कर रहा है। डब्ल्यूआरसीए का आरोप है कि डा० पांडे अपने संबंधों के बल पर पुलिस-प्रशासन को जेब में रखने की बात कहता है और सरकार के किसी कायदे-कानून को नहीं मानता। एसोसिएशन के लोगों का कहना है कि वे दो-चार दिन में ही डॉ. पांडे के खिलाफ प्रदर्शन करने की तैयारी कर रहे हैं जिसके तहत वे प्रधानमंत्री से इनको दिया पदमश्री अवार्ड वापिस लेने तथा इसके गैर-कानूनी रूप से चल रहे एशियन अस्पताल को बंद करवाने की मांग करेंगे। अगर प्रधानमंत्री ने एसोसिएशन के पदाधिकारियों के प्रदर्शन व शिकायत को गंभीरता से लिया तो केन्द्र सरकार डॉ. पांडे को दिया पदमश्री अवार्ड वापिस ले सकती है। बाकी नियमों पर आधारित है कि इस तरह के मामले में सरकार की क्या नीति है कि वो दिया हुआ अवार्ड वापिस ले सकती है या नहीं।
कैसे अवैध पार्किंग कर रहा है एशियन अस्पताल:-
दरअसल एशियन अस्पताल अपनी बेसमेंट जोकि पार्किंग के लिए आरक्षित थी, वहां जिम आदि बनाकर उसका व्यवसायिक इस्तेमाल कर रहा है। जबकि अस्पताल में आने वाले लोगों की गाडिय़ों को सेक्टर की गलियों में लोगों के घरों के आगे लगवाता है जिससे लोगों को भारी तकलीफ झेलनी पड़ रही है। आलम यह है कि सैक्टरवासी अपने वाहन तक अपने घरों से बाहर नहीं निकाल पाते। इतना ही नहीं डॉ० पांडे एशियन हॉस्पिटल के बाहर ग्रीन बेल्ट पर अवैध कट बनाकर वहां गाडियां भी खड़ी करता है और आने जाने के लिए भी इस्तेमाल करता है। अब तक वो दर्जनों पेड़ों को नुकसान पहुंचा चुका है। लोगों की मांग है कि वहां अवैध कट बंद होना चाहिए व सर्विस रोड पर उनकी गाडिय़ां खड़ी नहीं होनी चाहिए। पिछले दिनों लोगों ने सर्विस रोड पर एक गेट लगाने का प्रयास किया था परंतु जिला प्रशासन ने इस काम को रुकवा दिया ताकि लोगों के घरों के आगे गाडिय़ांं खड़ी होती रहे।
मेडिकल वेस्ट का उचित निपटान नहीं:-
अस्पताल प्रबंधन प्रतिदिन अस्पताल से निकलने वाले मेडिकल वेस्ट का उचित निपटान न करके उसे ऐसे ही उठवा देता है, जिस कारण सेक्टर के लोगों का जीना हराम हो गया है। इस वेस्ट से बदबू आती है और अक्सर उसे रेलवे लाइन के करीब डम्प होते देखा जा सकता है। नगर निगम व पर्यावरण विभाग के मंत्री भी इस ओर से अपनी आंखें मूंदे बैठे हैं।
पानी-सीवर की बुरी हालत:-
एशियन अस्पताल ने यहां अवैध बोर कर रखे है और प्रतिदिन लाखों गैलन पानी निकाला जाता है, जिसके चलते सेक्टर-21ए का भूजल स्तर लगातार नीचे जा रहा है। इसकी शिकायत कई बार प्रशासन से की गई है, परंतु कोई कार्यवाही नहीं होती। एशियन अस्पताल में बने सैकड़ों कमरों के चलते सेक्टर का सीवर भी अक्सर जाम रहता है। एशियन ने सीवर की मंजूरी नगर निगम से नाममात्र टायलेट की ले रखी है, जबकि यहां सैकड़ों टायलेट है। इस पर भी आज तक कार्यवाही नहीं हुई।
अवैध निर्माण व बैसमेंट का व्यवसायिक इस्तेमाल:-
अस्पताल प्रशासन अभी भी अस्पताल में अवैध निर्माण कर रहा है। नगर निगम व हुडा विभाग अगर इसके द्वारा पास कराये गए नक्शों के आधार पर जांच करे तो कई हजार फुट अवैध निर्माण यहां मिलेगा। पिछले कुछ दिनों से यहां लगातार अवैध निर्माण जारी है परंतु निगमायुक्त ना जाने क्यों इस मामले में चुप्पी साधे हुए है।
जन-प्रतिनिधियों की चुप्पी पर हैरानी:-
सेक्टरवासियों को इस बात की बड़ी हैरानी है कि जब चुनाव में वोट चाहिए होते है तो सेक्टरवासियों के आगे गुहार लगाते है परंतु चुनावों के बाद उनकी समस्याओं को कोई सुनने को तैयार नहीं। सत्तारूढ़ पार्टी के नेता, मंत्री, विधायक तथा संबंधित विभागगों के अधिकारी भी एशियन अस्पताल की मनमानी व अनियमितताओं पर एक शब्द बोलने को तैयार नहीं हैं। सेक्टरवासियों में इसे लेकर गहरा रोष है।
उनका कहना है कि अगर पुलिस प्रशासन व जन-प्रतिनिधियों ने हमारी मांगों का हल नहीं निकलवाया तो वो सड़कों पर आकर धरना-प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।
इसके अलावा एनजीटी व मानवाधिकार आयोग के समक्ष भी लिखित शिकायत कर कार्यवाही की मांग करेंगे। फिलहाल पूरे मामले की शिकायत पुलिस प्रशासन को की गई है।
अब देखना यह है कि शासन-प्रशासन एशियन अस्पताल की उक्त गैर-कानूनी कार्यों पर लगाम लगाा है या नहीं।


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