मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 8 मार्च: एनआईटी क्षेत्र के बाजारों में व्यवसायिक ईमारतों को सील करने के विरोध में व्यापार मंडल फरीदाबाद ने नगर-निगम आयुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा। व्यापार मंडल के प्रधान जगदीश भाटिया के नेतृत्व में व्यापारियों ने ज्वाइंट कमिश्नर प्रशांत कुमार को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से व्यापार मंडल ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से अपील करते हुए कहा है कि सीलिंग की कार्रवाई से व्यापारियों के साथ-साथ हजारों लोग प्रभावित हो रहे हैं। दुकानों को सील करने के बाद व्यापारी तो बर्बाद होंगे ही, साथ ही इन संस्थानों पर रोजगार के उद्वेश्य से कार्यरत हजारों लोगों के भी भूखे मरने की नौबत आ जाएगी।
इस अवसर पर व्यापार मंडल के प्रधान जगदीश भाटिया ने कहा कि बेशक हाईकोर्ट के आदेश पर नगर-निगम प्रशासन द्वारा सीलिंग की कार्रवाई की जा रही है, पंरतु हरियाणा सरकार व्यापारियों की ओर से अदालत में ठोस जवाब दायर कर उन्हें इस कार्रवाई से बचा सकती है। इसलिए सभी व्यापारियों की मुख्यमंत्री से विन्रम अपील है कि सीलिंग की इस कार्रवाई को तत्काल प्रभाव से रोकने के आदेश दिए जाएं।
ज्ञापन के माध्यम से व्यापार मंडल ने मुख्यमंत्री से सीएलयू करवाने के लिए लागू की गई शर्तों को हटाने की भी मांग की है। उन्होंने कहा कि जिन शर्तो को लागू किया जा रहा है, वह कोई भी व्यापारी पूरी नहीं कर सकता। ऐसे में सीएलयू का कोई मतलब नहीं रह जाता। इसलिए सरकार इस दिशा में भी शर्तों को हटाकर सीएलयू लागू करवाए।
इसके अलावा व्यापार मंडल ने सीएलयू शुल्क में संशोधन करने की मांग भी सरकार के समक्ष रखी है। व्यापार मंडल के अनुसार सीएलयू का शुल्क बहुत अधिक है, जोकि व्यापारियों द्वारा जमा करवाना असंभव है। इसलिए मुख्यमंत्री इस शुल्क को कम से कम कर दें, ताकि फरीदाबाद के सभी व्यापारी गण नियम अनुसार अपने भवनों का सीएलयू करवाकर चैन से व्यापार कर सकें।
ज्वाइंट कमिश्नर प्रशांत कुमार ने व्यापार मंडल को आश्वासन दिया कि वह उनके ज्ञापन को मुख्यमंत्री तक पहुंचा देंगे। इस अवसर पर व्यापार मंडल के वरिष्ठ उपप्रधान जगनशाह, भोलानाथ मिश्रा, लोहामंडी के प्रधान सीएल कालड़ा, महामंत्री वेदप्रकाश कुकरेजा, जवाहर कालोनी मार्केट के प्रधान नीरज भाटिया, डबुआ कॉलोनी मार्केट के प्रधान राममेहर, बलजीत, महेंद्र कपूर, अमित रावल, सरबजीत सिंह, विनोद बंसाली, हरीश भाटिया, नरेंद्र कालड़ा एवं बंसी कुकरेजा प्रमुख रूप से उपस्थित थे।