Metro Plus News
Uncategorizedफरीदाबादराजनीतिहरियाणा

कौन था वह भाजपा नेता जिसके कहने पर निगमायुक्त के आदेशों के बावजूद अनंगपुर में की गई आधी-अधूरी तोडफ़ोड़!

मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 8 जुलाई:
आखिर फोटो में दिख रहा यह निर्माणाधीन मकान किसका था जिसको कि निगम के तोडफ़ोड़ दस्ते ने महज शटरिंग की दो-तीन बल्लियां हटाकर छोड़ दिया और एक निगम अधिकारी के पास किसी का फोन आने पर जे.सी.बी. को वहां से वापिस मोड़ दिया गया। मौके पर एक निगमकर्मी ने बताया कि जो मकान छोड़ा गया वो बड़े मंत्री के एक अंदरूनी विरोधी भाजपा नेता के भांजे का है जोकि निगम पार्षद का चुनाव भी लड़ चुका है।
तो ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब एक भाजपा नेता के कहने पर उक्त निर्माणाधीन मकान को छोड़ दिया गया तो फिर उन छोटे-छोटे प्लॉट होल्डरों का क्या कसूर था जिन्होंने अपने जीवनभर की पूंजी लगाकर वहां प्लॉट खरीदे थे और निर्माण कार्य शुरू करने के लिए अभी दीवारें ही खड़ी करनी शुरू की थी जिनको कि निगम के तोडफ़ोड़ दस्ते ने आज धराशायी कर दिया। मौके पर पहुंची मैट्रो प्लस टीम को वहां तीन-चार ऐसे कच्चे पक्के मकान भी देखने को मिले जोकि वहां करीब दो-तीन महीने पहले की गई तोडफ़ोड़ के दौरान नहीं थे यानि उस तोडफ़ोड़ के बाद ही आनन-फानन में इनका निर्माणकर वहां लोगों ने रहना भी शुरू कर दिया। इस मामले में जब निगम के एक्सईन ओमबीर सिंह से पूछा गया तो उन्होंने यह कहकर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली की निगम के लीगल सैल से बात कर इन बने हुए मकानों के खिलाफ सीलिंग या तोडफ़ोड़ की कार्यवाही करेंगे। और जब उनसे एक भाजपा नेता के रिश्तेदार के उक्त निर्माणाधीन मकान के बारे में पूछा गया तो उनका कहना था कि उसको भी अभी जे.सी.बी. की सहायता से तोड़ा जाएगा, वो बात अलग है कि शाम तक वहां तोडफ़ोड़ करने की बात कहने वाले एक्सईन ओमबीर सिंह बिना उक्त मकान और ऊंची-ऊंची बाऊंडरी वॉल को तोड़े बिना ही वहां से थोड़ी ही देर में अपने तोडफ़ोड़ दस्ते के साथ चल निकले।
आपको बता दें कि नगर निगम का तोडफ़ोड़ दस्ता आज बडख़ल विधानसभा क्षेत्र के अंर्तगत अनंगपुर में आनंद वन क्षेत्र के अंदर जाकर हो रही अवैध प्लॉटिंग में तोडफ़ोड़ करने पहुंचा हुआ था। निगम के एक्सईन ओमबीर सिंह के नेतृत्व में एसडीओ पदमभूषण, जेई सुमेर की तोडफ़ोड़ टीम ने निगमायुक्त के आदेश पर वहां आज फिर दोबारा पुलिस बल के साथ जाकर तोडफ़ोड़ तो की लेकिन यह तोडफ़ोड़ महज खानापूर्ति/दिखावे के लिए होते दिखाई दी। तोडफ़ोड़ दस्ते ने वहां छोटे-छोटे मकान बनाने के लिए की गई डीपीसी और करीब 4-5 फुट तक की गई कच्ची दीवारों सहित एक कोठरे को तो जे.सी.बी. और निगम कर्मियों की सहायता से तोड़ दिया लेकिन वहां बन रहे एक निर्माणाधीन मकान और चारोंं तरफ की गई ऊंची-ऊंची बाऊंडरी वॉल को छोड़कर अपनी कार्यप्रणाली पर फिर से सवालिया निशान लगा लिया।
यहां यह बात भी गौर करने लायक थी कि जब मैट्रो प्लस की टीम मौके पर उक्त तोडफ़ोड़ की कवरेज करने पहुंची जो निगम का तोडफ़ोड़ दस्ता वहां वापिस जाने की तैयारी कर रहा था लेकिन हमारी टीम को देखकर निगम दस्ते ने वहां फिर से तोडफ़ोड़ करनी शुरू कर दी। जबकि मौके पर उक्त अवैध कालोनी को बसाने व गैर-कानूनी रूप से प्लाटिंग करने वाला ठेकेदार कहिए या बिल्डर, निगम अधिकारियों से कुछ अलग से बातचीत करता नजर आया।
ऐसे में सवाल यह उठता हैं कि दोबारा से तोडफ़ोड़ करने पहुंचे निगम दस्ते ने उक्त अवैध कालोनी को बसाने व गैर-कानूनी रूप से प्लाटिंग करने वाला ठेकेदार के खिलाफ कोई कानूनी कार्यवाही क्यों नहीं की जिसने एक बार तोडफ़ोड़ हो जाने के बावजूद वहां दोबारा से अवैध निर्माण कार्य शुरू कर रखा था। आखिर पुलिस फोर्स का इस्तेमाल नगर निगम कब तक यूं ही अपनी स्वार्थपूर्ति के लिए करता रहेगा।
मजेदार बात तो यह है कि जब निगम अधिकारियों से पूछा गया कि यहां ड्यूटी मजिस्ट्रेट कौन है तो बताया गया कि एनआईटी जोन के संयुक्त आयुक्त प्रशांत ड्यूटी मजिस्ट्रेट हैं और वो अपनी गाड़ी में एसी में बैठे हुए हैं। साथ ही नाम ना छापने की शर्त पर उन्होंने बताया कि जब से वो यहां आए हैं अपनी एयरकंडीशनर गाड़ी में बैठे हैं और हम यहां धूप और उमस में सड़ रहे हैं।
छुट्टी की बजाए मिली 15 दिन की ड्यूटी:-
तोडफ़ोड़ के दौरान मौके पर पहुंची मैट्रो प्लस टीम को वहां एक ऐसा निगम अधिकारी भी मिला जो निगमायुक्त के पास गया तो था छुट्टी लेने लेकिन निगमायुक्त ने बजाए छुट्टी देने के उन्हें 15 दिन के लिए तोडफ़ोड़ दस्ते साथ उनकी मदद के लिए लगा दिया। मजेदार बात तो यह है कि यह वही निगम अधिकारी था जिसको निगमायुक्त ने तीन-चार महीने पहले सस्पेंड कर दिया था वो बात अलग है कि उक्त निगम अधिकारी अपने ऊंचे रसुखों/संबंधों के चलते फिर से बहाल होकर फरीदाबाद में ही लग गया।



Related posts

अब नागरिक स्वयं अपना परिवार पहचान-पत्र का डाटा संपादित व संशोधित कर सकेंगे: उमाशंकर

Metro Plus

7th DLF Business Summit 2018 organized by DLF Industries Association in conjunction with AGM

Metro Plus

अपराधिक वारदातों का गढ़ बन गया है बल्लभगढ़ शहर, पुलिस प्रशासन फेल

Metro Plus