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HighCourt ने दिया सरकार को झटका, Haryana Administrative Tribunal पर लगाया स्टे

Metro Plus से Naveen Gupta की रिपोर्ट
Chandigarh News, 2 अगस्त:
Punjab & Haryana High Court ने हरियाणा सरकार को तगड़ा झटका देते हुए सरकार द्वारा 24 जुलाई को लागू किए गए Haryana Administrative Tribunal के उस Notification पर रोक/स्टे लगा दिया है जिसके तहत हरियाणा के सभी सरकारी कर्मचारियों के मुकद्दमों के निपटारे का अधिकार हाईकोर्ट और निचली अदालतों से छीनकर ट्रिब्यूनल को दे दिया गया था। इस आशय का फैसला आज हाईकोर्ट की Chief Justice कृष्ण मुरारी, जस्टिस राजीव शर्मा और जस्टिस राकेश कुमार जैन की फुल बैंच ने इस मामले में स्वयं संज्ञान लेते हुए CWP-PIL No.-154/2019 पर किया। हरियाणा एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल की कार्यवाही पर रोक/स्टे लगाते हुए हाईकोर्ट ने कहा है कि उक्त सदर्भ में पुराने और नए केसों की सभी कार्यवाहियां पहले ही की तरह हाईकोर्ट में तब तक चलती रहेंगी जब तक इस संबंध में हाईकोर्ट का अगला फैसला नहीं आ जाता। हाईकोर्ट में आज उक्त मामले में हुई सुनवाई के दौरान हरियाणा के एडवोकेट जनरल बी.आर. महाजन, भारत के एडीशनल सोलिसिटर जनरल सत्यपाल जैन,अस्सिटेंट सोलिसिटर जनरल चेतन मित्तल, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के प्रधान डीपीएस रंधावा और सचिव रोहित सूद एडवोकेट मौजूद थे।
ध्यान रहे कि हरियाणा सरकार द्वारा हरियाणा एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल गठित करने के बाद से ही जहां इसके खिलाफ पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के वकीलों ने विद्रोह का बिगुल बजा रखा था और 24 जुलाई से ही पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट बार एसोसिएशन हड़ताल पर थी। वहीं कल वीरवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने एसोसिएशन को स्पष्ट शब्दों में किसी भी कीमत पर हरियाणा एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल के नोटिफिकेशन को वापिस लेने से इंकार कर दिया था।
लेकिन आज जिस तरीके से हाईकोर्ट की फुल बैंच ने उक्त फैसला दिया है उससे प्रदेश सरकार खासकर मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर की जमकर किरकिरी हुई है।


काबिलेगौर रहे कि हरियाणा सरकार की सिफारिश पर राष्ट्रपति ने एक नोटिफिकेशन जारी किया था है जिसके माध्यम से एक ट्रिब्यूनल का गठन करके हरियाणा के सभी सरकारी कर्मचारियों के मुकद्दमों के निपटारे का अधिकार हाईकोर्ट और निचली अदालतों से छीनकर उक्त ट्रिब्यूनल को दे दिया गया था और इस ट्रिब्यूनल के जज के तौर पर हाईकोर्ट की एक माननीय रिटायर्ड जज स्नेह पाराशर की नियुक्ति भी कर दी गई थी।
वहीं दूसरी तरफ पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने हाईकोर्ट के फैसले के बाद अभी तक अपनी हड़ताल समाप्त नहीं की है। वकीलों का कहना है कि इस मामले में सोमवार को हाऊस की मीटिंग होगी जिसमें विचार विमर्श करने के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा। बताते हैं कि अस मामले में वकीलों में अलग-अलग राय बनी हुई है।


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