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कृष्णपाल गुर्जर की खुल सकती है लाटरी! जानिए कैसे?

मैट्रो प्लस से महेश गुप्ता/नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 27 अक्टूबर:
हरियाणा के विधानसभा चुनावों की मतगणना पूरी होते ही मैट्रो प्लस की उस खबर या कहिए भविष्यवाणी पर एक बार फिर मोहर लग गई जिसमें मैट्रो प्लस ने लिखा था कि भाजपा को इस बार हरियाणा विधानसभा में पूर्ण बहुमत नहीं मिलेगा।
काबिलेगौर रहे कि मैट्रो प्लस ने अपने पाठकों को मतदान व मतगणना से पहले ही 17 अक्टूबर को बता दिया था कि इस बार के विधानसभा चुनावों में भाजपा को पूर्ण बहुमत नहीं मिल रहा और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला सहित सभी मंत्री चुनाव हार रहे हैं। जेजेपी के सहयोग से बीजेपी ने सरकार बनाने का बनाया प्लान, इसी कड़ी में आज अमित शाह के नारनौंद और उचाना के कार्यक्रम रद्द, नई सरकार में मनोहर नहीं होंगे सीएम।
मैट्रो प्लस की उक्त भविष्यवाणी/खबर काफी हद तक सटीक बैठी और अनिल विज को छोड़कर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला सहित मनोहर मंत्रीमंडल के लगभग सारे मंत्री चुनाव में बुरी तरह हार गए।
अब बात करें हरियाणा में सरकार बनाने की तो जेजेपी की चाबी से ही भाजपा ने प्रदेश में अपनी सरकार बनाने का ताला खोला है। वो बात अलग है कि भाजपा को जेजेपी की चाबी से अपना ताला खुलवाने के बदले जेजेपी को उप-मुख्यमंत्री के पद सहित दो कैबिनेट मंत्री और एक राज्यमंत्री का पद देना पड़ा। जबकि मनोहर सरकार ने निर्दलीय विधायकों को भी अपने काबू में रखने के लिए उन्हें कुछ ना कुछ लॉलीपोप दिया है ताकि स्थिर सरकार चलाने में किसी प्रकार की कोई अड़चन ना आए।
कुल मिलाकर हरियाणा की जनता का जनादेश तो सरकार व भाजपा के खिलाफ चला गया लेकिन भाजपा व सरकार की कार्यशैली की खिलाफत कर निर्दलीय चुने गए विधायकों और जजपा ने लोगों की अपेक्षाओं पर खरा ना उतरते हुए अपना समर्थन भाजपा को ही देकर भाजपा की सरकार प्रदेश में दोबारा बनवा ही दी।
दीवाली या दीवाला:-
हरियाणा की 17वीं विधानसभा के चुनावों में जीतने वाले विधायकों की तो दिवाली मन गई खासतौर पर नयनपाल रावत जैसे निर्दलीय चुने गए विधायकों की जोकि पार्टी से बागी होकर चुनाव लड़े थे और फिर भाजपा की गोद में जा बैठे। उम्मीद की जा रही है कि नयनपाल जैसे निर्दलीय विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है।
वहीं इस बार उन मंत्रियों, विधायकों और विभिन्न पार्टी उम्मीदवारों की काली दीवाली होगी या कहिए दीवाला निकल गया जोकि चुनाव हार गए और पार्टी से भी बागी हो गए थे।
साफ हो गए मुख्यमंत्री पद के दावेदार:-
इसे मनोहरलाल की किस्मत ही कह सकते हैं कि उनको कमजोर प्रशासक/मुख्यमंत्री बताने वाले उनके लगभग सभी वजीर इन विधानसभा चुनावों में चारों खाने चित हो गए हैं चाहे वो प्रो. रामबिलास शर्मा हों, कैप्टन अभिमन्यु हों या फिर ओमप्रकाश धनकड़। सभी के सभी मुख्यमंत्री पद के दावेदार चुनाव हार घर बैठ चुके हैं। तो वहीं विपुल गोयल और राव नरबीर सिंह की टिकट काटकर मुख्यमंत्री पहले ही उनको उनके घर बिठा चुके हैं।
कृष्णपाल की खुल सकती है लाटरी:-
फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र की 9 विधानसभाओं में से भाजपा के 7 विधायक बनवाकर केन्द्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने इतिहास रचते हुए अपनी राजनैतिक कार्यकुशलता का परिचय फिर से दे ही दिया है। प्रदेश की मनोहर सरकार में फरीदाबाद के मुख्यमंत्री तथा मोदी सरकार के छोटे वजीर कहे जाने वाले कृष्णपाल गुर्जर की संगठन के प्रति निष्ठा का परिणाम था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बल्लभगढ़ में हुई अपनी रैली में मंच से सिर्फ और सिर्फ अपने कैबिनेट के साथी कृष्णपाल गुर्जर का ही नाम लिया जबकि मंच में और भी कई नेता मौजूद थे। कयास लगाए जा रहे हैं कि प्रधानमंत्री मोदी दीवाली के बाद कृष्णपाल गुर्जर को राज्यमंत्री की बजाए कैबिनेट मंत्री का दर्जा दे उन्हें दीवाली का तोहफे के रूप में दे सकते हैं।


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