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मासूम स्कूली बच्चों का भविष्य High Court के आदेश से खतरे में, जानिए कैसे?

पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने दिया प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन को झटका
प्रदेशभर में नर्सरी, एलकेजी व यूकेजी कक्षाओं को लेकर न्यायालय ने किया नोटिस, 13 फरवरी को होगी सुनवाई
आरटीआई में हुआ खुलासा: प्रदेशभर में चल रहे हैं 3471 प्ले स्कूल, 71 प्ले स्कूलों के पास ही हैं मान्यता, बृजपाल परमार ने शिकायत में बताई थी प्रदेश में 8600 अवैध प्ले स्कूल
मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की खास रिपोर्ट
चंडीगढ़/फरीदाबाद, 6 फरवरी:
महिला एवं बाल विकास विभाग से गैर-मान्यता प्रदेशभर के उन सैकड़ों निजी प्ले स्कूलों और उनमें पढऩे वाले मासूम बच्चों पर हाईकोर्ट ने तलवार लटका दी है जिनमें नर्सरी, एलकेजी व यूकेजी की कक्षाएं चलती हैं। आज गुरूवार को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में हुई एक सुनवाई में प्रदेश के मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों में नर्सरी, एलकेजी व यूकेजी की कक्षाओं के संचालन को लेकर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन को यह झटका दिया है। हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद फरीदाबाद के वे करीब 200 मान्यता प्राप्त निजी स्कूल भी प्रभावित होंगे जिनमें नर्सरी, एलकेजी व यूकेजी की कक्षाएं बिना महिला एवं बाल विकास विभाग की मान्यता के चल रही हैं।
ध्यान रहे कि स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार की शिकायत पर हरियाणा मौलिक शिक्षा निदेशालय ने नर्सरी, एलकेजी व यूकेजी कक्षाओं के संचालन के लिए अलग से महिला एवं बाल विकास विभाग से मान्यता की शर्त लगाते हुए भविष्य में बिना अनुमति के कक्षाओं में बच्चों के दाखिले नहीं किए जाने के आदेश जारी किए थे। इन आदेशों के खिलाफ दिसंबर माह में हरियाणा प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर ट्रस्ट हिसार ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में याचिका लगाई थी। इसी मामले में स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार ने भी 5 फरवरी को हाईकोर्ट में एक एप्लीकेशन लगाई थी।
पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के अधिवक्ता अभिनव अग्रवाल ने बताया कि आज वीरवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई और उच्च न्यायालय ने बृजपाल परमार को भी इस मामले में शामिल करने के लिए हरियाणा प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर ट्रस्ट हिसार व प्रदेश सरकार को नोटिस कर दिया है। अधिवक्ता अभिनव अग्रवाल ने बताया कि कोर्ट के समक्ष तथ्य रखे जाएंगे और इन कक्षाओं के संचालन के एक्ट की भी कोर्ट को जानकारी दी जाएगी।
बृजपाल परमार ने मौलिक शिक्षा निदेशालय को दी शिकायत में अवैध रूप से 8600 प्ले स्कूलों का संचालन किए जाने के आरोप लगाए थे। इसी शिकायत पर विभाग ने नए शिक्षा सत्र से बिना प्ले स्कूलों की मान्यता के कक्षाओं के संचालन पर रोक लगाने के आदेश जारी किए थे।
स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार ने प्ले स्कूलों की मान्यता संबंधी महिला एवं बाल विकास विभाग से भी आरटीआई मांगी थी। जिसके जवाब में महिला एवं बाल विकास विभाग ने खुद प्रदेशभर में 3471 अवैध प्ले स्कूलों के संचालन की बात कबूली है, जबकि प्रदेशभर में केवल 71 प्ले स्कूलों की ही मान्यता विभाग द्वारा जारी की गई है।
बृजपाल परमार ने बताया कि उनके संगठन ने निजी स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर मौलिक शिक्षा निदेशालय के समक्ष शिकायतें दी थी। जिस पर मौलिक शिक्षा निदेशालय ने भी स्पष्ट कर दिया था कि कक्षा पहली से 12वीं तक मान्यता शिक्षा विभाग देगा। अगर कोई निजी स्कूल नर्सरी, एलकेजी व यूकेजी की कक्षाएं लगाएगा तो उसे महिला एवं बाल विकास विभाग से मान्यता लेनी होगी। मगर प्रदेशभर में 8600 अवैध प्ले स्कूल अभिभावकों को गुमराह कर अवैध रूप से नर्सरी, एलकेजी व यूकेजी कक्षाओं का संचालन कर नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं।
प्रदेशभर के जिलों में प्ले स्कूलों की स्थिति:-
जिला कुल प्ले स्कूल मान्यता वाले प्ले स्कूल

  1. कुरुक्षेत्र 47 01
  2. सिरसा 102 00
  3. रेवाड़ी 329 08
  4. करनाल 80 00
  5. गुरुग्राम 735 00
  6. हिसार 282 00
  7. कैथल 33 00
  8. झज्जर 45 00
  9. अंबाला 132 01
    10.सोनीपत 195 41
    11.भिवानी 81 01
    12.पानीपत 108 00
    13.फतेहाबाद 275 00
    14.जींद 132 00
    15.पंचकूला 110 00
    16.रोहतक 86 14
    17.मेवात 18 00
    18.नारनौल 75 00
    19.पलवल 65 00
    20.यमुनानगर 341 00
    21.फरीदाबाद 200 00
    टोटल 3471 71
    नोट:- ये आंकड़े महिला एवं बाल विकास विभाग की आरटीआई की सूचना में दिए गए हैं।

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