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IAS महिला अधिकारी सुरक्षित नहीं तो आम महिलाओं की क्या हालत होगी: विकास फागना

Metro Plus से Jassi Kaur की रिपोर्ट
Faridabad News, 8 मई:
हरियाणा 2014 कैडर की आईएएस रानी नागर के इस्तीफे पर सियासत गरमा गई है। रानी नागर के बचाव में एनएसयूआई के जिला उपाध्यक्ष विकास फागना ने रानी नागर पर हुए अत्याचारों को लेकर स्लोगन लगाकर पट्टिका दिखा कर सरकार को चेताया।
इस अवसर पर विकास फागना ने कहाकि महिला सुरक्षा व सम्मान के मामले में सरकार क्यों चुप्पी साधी हुई है। उन्होंने कहाकि रानी नागर की जान को खतरा है। उन्होंने कहाकि हरियाणा की महिला आईएएस अफसर रानी नागर को नौकरी के दौरान अपनी जान को खतरा के कारण अपनी नौकरी से ही इस्तीफा देकर वापस अपने घर यूपी लौटना पड़ा है, जो अति दु:खद व अति दुर्भाग्यपूर्ण बात है।
इस मौके पर विकास फागना ने कहाकि सरकार ने रानी नागर की शिकायत सुनने की जहमत नहीं उठाई, जिसका नतीजा यह हुआ कि रानी ने इस्तीफा देना पड़ा। विकास फागना ने कि हरियाणा सरकार एक तरफ तो बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ का नारा देती है, लेकिन बेटियां सबसे ज्यादा असुरक्षित हैं। रानी नागर की शिकायत के बावजूद जांच तक नहीं की गई। उन्हें घर तक नहीं दिया गया। गाड़ी नहीं दी गई। आईएएस बेटी असुरक्षित थी। उत्पीडऩ में थी, इसी से दुखी होकर उसने इस्तीफा दिया था।
इस मौके पर विकास फागना ने बताया की रानी नागर ने वर्ष 2018 के दौरान एक आईएएस पर भी दुव्र्यवहार का आरोप लगाया था। यह मामला सीएम ऑफिस भी पहुंचा था। रानी नागर ने कैब ड्राइवर पर भी अभद्रता का आरोप लगाया था। सिरसा जिला के डबवाली में एसडीएम पद पर रहते हुए उन्होंने अपनी जान को खतरा बताया था लेकिन सरकार उनकी हर बात को अनदेखी करती रही। उन्होंने कहा कि जब प्रदेश में एक महिला प्।ै अधिकारी सुरक्षित महसूस नहीं कर रही तो आम महिलाओ की क्या हालत होगी। महिला सुरक्षा की बड़ी-बड़ी बातें करने वाली हरियाणा व केंद्र सरकार को तुरंत इस अधिकारी की बात का संज्ञान लेना चाहिए और दोषी चाहे कितना प्रभावशाली है उसपे सख्त कार्यवाही करनी चाहिए।


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