Metro Plus News
एजुकेशनफरीदाबादराजनीतिहरियाणा

फीस आने के बावजूद अध्यापकों को नहीं दे रहे हैं तनख्वाह, मंच ने लगाया आरोप!

मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट।
फरीदाबाद, 23 जुलाई:
हरियाणा अभिभावक एकता मंच ने कहा है कि स्कूल प्रबंधक फीस ना आने का बहाना करके अपने अध्यापकों को तनख्वाह/सेलेरी नहीं दे रहे हैं और उन्हें स्कूल से हटा रहे हैं जबकि हकीकत यह है कि अभिभावकों ने शिक्षा विभाग के नियमों के अनुसार अप्रैल से जून महीने की फीस जमा करा दी है। इसके अलावा स्कूल प्रबंधकों ने 8 महीने पहले किए गए नए दाखिलों में ही एडवांस में हजारों रूपए लेकर करोड़ों रूपए कमा लिए हैं जबकि नए बच्चों ने अभी तक स्कूल की शक्ल भी नहीं देखी है। स्कूलों के पास काफी रिजर्व व सरप्लस फंड्स भी है, उसके बावजूद स्कूल प्रबंधक अपने अध्यापक व कर्मचारियों को तनख्वाह न देकर उनका आर्थिक व मानसिक शोषण कर रहे हैं। मंच की ओर से सीबीएसई व हरियाणा बोर्ड को आरटीआई लगाकर फरीदाबाद के प्राईवेट स्कूलों द्वारा जनवरी 2020 से लेकर जून 2020 तक अभिभावकों से हर प्रकार से वसूली गई फीस, स्कूल की अन्य आमदनी, स्कूल के पास मौजूद रिजर्व व सरप्लस फंड की तथा अध्यापकों को दी गई तनख्वाह व अन्य मदों में किए गए खर्च के ब्योरे की जानकारी मांगी है।
मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा व प्रदेश संरक्षक सुभाष लांबा ने बताया है कि मंच की ओर से 24 जून को सीबीएसई कार्यालय प्रीत विहार दिल्ली में आरटीआई लगाकर उपरोक्त जानकारी मांगी गई है जो अभी तक प्राप्त नहीं हुई है। अगर 30 जुलाई तक मांगी गई जानकारी प्राप्त नहीं हुई तो प्रथम अपील अधिकारी के पास प्रथम अपील लगाकर जानकारी दिलाने के लिए कहा जाएगा। उसके बाद भी अगर जानकारी नहीं मिली जो केंद्रीय सूचना आयोग नई दिल्ली का सहारा लिया जाएगा।
मंच के जिला अध्यक्ष एडवोकेट शिवकुमार जोशी व सचिव डॉ० मनोज शर्मा ने कहा है कि प्राइवेट स्कूलों के कई अध्यापकों ने मंच को जानकारी दी है कि उन्हें पिछले तीन, चार महीने से कोई तनख्वाह नहीं मिली है। तनख्वाह मांगने पर परेशान किया जा रहा है यहां तक कि कई अध्यापकों को निकाल भी दिया गया है। आगे रोजगार न मिलने की मजबूरी से अध्यापक मजबूर होकर स्कूल प्रबंधकों के शोषण को सहन कर रहे हैं जब कि वे ऑनलाइन पढ़ाई करा कर पहले से ज्यादा समय दे रहे हैं। मंच ने अब उनकी मदद करने का बीड़ा उठाया है। इसी हेतु स्कूलों की आमदनी व खर्चे का ब्यौरा आरटीआई के तहत मांगा गया है जिससे सच्चाई सामने आ सके।


Related posts

चंडीगढ़ में सरकारी कोठियों में रहने वाले विधायक व मंत्री लोगों को देखकर कर लेते हैं अपनी आंखें बंद

Metro Plus

जुलाई माह से सभी जिलों में सस्ते राशन की सप्लाई का सिस्टम व बायोमीट्रिक मशीनों पर ऑनलाइन हो जायेगी पीडीएस प्रणाली

Metro Plus

अतिक्रमण से मुक्ति और जन-सुविधाओं की उपलब्धता नगर-निगम का मुख्य लक्ष्य: यशपाल

Metro Plus