मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट।
चंडीगढ़, 12 फरवरी: प्राइमरी क्लासेज यानि पहली से पांचवी कक्षा तक के बच्चों का स्कूल जाने का सपना इस बार सपना ही बनकर रह गया। जैसे कि कयास लगाए जा रहे थे कि सोमवार, 15 फरवरी से सरकार हरियाणा में प्राइमरी स्कूलों को खोल सकती है यानि पहली से पांचवीं कक्षा तक के बच्चे भी स्कूल जाकर शिक्षा ग्रहण कर सकते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। सरकार ने इस प्रस्ताव को मंजूरी देने से इनकार कर दिया है। कारण सरकार छोटे बच्चों को लेकर किसी भी प्रकार का रिस्क नहीं लेना चाहती है।
ध्यान रहे कि कोरोना कहर के चलते पिछले करीब एक साल प्राइमरी स्कूल बंद चले आ रहे हैं। जिसके चलते प्राइमरी स्कूलों में इस शिक्षा सत्र में अब तक ऑफलाइन पढ़ाई नहीं हो सकी। सिर्फ ऑनलाइन क्लासेज ही चल रही हैं।
बता दें कि हरियाणा में सरकारी स्कूल खोलने और उनमें पढ़ाई की व्यवस्था को लेकर सरकार बार-बार अपने फैसले बदल रही है। अब राज्य के प्राइमरी स्कूलों में अगले शिक्षा सत्र से ही कक्षाएं लग सकेंगी यह फैसला लिया गया है।
दरअसल पहले संभावना जताई जा रही थी कि 15 फरवरी से हरियाणा में प्राइमरी स्कूलों को खोल दिया जाएगा। इसके लिए अभिभावक और बच्चे भी मनोवैज्ञानिक रूप से खुद को तैयार करने लगे थे, लेकिन अब सरकार ने 15 फरवरी से प्राइमरी स्कूल खोलने का फैसला टाल दिया है।
शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने एक बातचीत में कहा कि अब मौजूदा शिक्षा सत्र के संचालन के लिए समय नहीं बचा है। ऐसे में पहली से पांचवीं कक्षा तक की नियमित पढ़ाई के लिए स्कूल नहीं खोले जा सकेंगे। बता दें कि हरियाणा सरकार पहले ही छठी से 12वीं कक्षाओं तक स्कूल खोल चुकी है। हालांकि अभी भी स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या इतनी नहीं है, जितनी आम दिनों में होती है। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में करीब 23 लाख विद्यार्थी पढ़ते हैं, जबकि 29 लाख के करीब विद्यार्थी निजी स्कूलों में पढ़ाई करते हैं।
शिक्षा मंत्री गुर्जर ने कहा कि अब इन कक्षाओं के लिए स्कूल अगले सेशन में ही खुलेंगे। यानी अप्रैल के बाद ही अब प्राइमरी स्कूलों में नियमित पढ़ाई शुरू हो पाएगी।
इस संदर्भ में शिक्षा विभाग ने शिक्षा मंत्री के पास फाइल बनाकर भी भेज थी, लेकिन सरकार ने फाइल यह कहकर लौटा दी है कि अब स्कूल खोलने का समय नहीं बचा है। वैसे भी वैक्सीनेशन की प्रक्रिया चल रही है और सरकार बच्चों के मामले में किसी तरह का रिस्क लेने के मूड में नहीं है।
कुल मिलाकर अब प्राइमरी स्कूलों के बच्चे घर पर ही बैठकर ऑनलाइन क्लासेज के माध्यम से पढ़ेंगे।