मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की स्पेशल रिपोर्ट।
पलवल, 9 मई: पहले बेड के नाम पर सिफारिश, फिर ऑक्सिजन, प्लाज़्मा, रेडमेसिवर के नाम पर सिफारिश और फिर हॉस्पिटल के बिल की पेमेंट करने के लिए कर्ज लेने की सिफारिश। बावजूद इस सबके हॉस्पिटल की लूट-खसोट से बचने के लिए मरीज की मौत हो जाने के बाद बॉडी लेने के लिए सिफारिश। ये नजारा वैसे तो आजकल सभी छोटे-बड़े हॉस्पिटल्स/नर्सिंग होम्स में देखने को मिल रहा है।
लेकिन हम जो बात कर रहे हैं वो है पलवल के गुरुनानक देव हॉस्पिटल की जहां हॉस्पिटल प्रबंधन की लूटखसोट के बावजूद एक मरीज सौरभ की मौत हो गई और 10 दिनों का उसका बिल आया करीब साढ़े सात लाख रुपए का जिसमें से मरीज के परिजन साढ़े तीन लाख तो जमा करा भी चुके हैं जबकि सरकारी रेट लिस्ट के हिसाब से उसका बिल करीब डेढ़ लाख के ही आना चाहिए था।
सौरभ को 28-29 अप्रैल की मध्य रात्रि को करीब 12 बजे फ़रीदाबाद के सराय ख्वाजा से पलवल के गुरुनानक देव हॉस्पिटल में काफी सिफारिशों के बाद एडमिट कराया गया था। 29 अप्रैल को ऑक्सिजन और प्लाज़्मा का इतंजाम भी मरीज के परिजनों ने रोटरी क्लब पलवल के सचिन जैन की मदद से किया था और मैट्रो प्लस ने भी इसमें अपनी भूमिका अदा की थी।
मरीज के परिजनों के मुताबिक उन्होंने परिस्थितियों से समझौता करते हुए हॉस्पिटल में साढ़े तीन लाख रुपये किस्तों में जमा भी करा दिए। और अब जब मरीज की 8-9 मई की मध्यरात्रि को डेथ हो गई तो हॉस्पिटल ने बॉडी देने से पहले उनका करीब 7.5 लाख का बिल बना दिया जोकि जहां मानवता को शर्मसार करने वाला है, वहीं सरकारी आदेशों की भी इस बिल में सरेआम धज्जियां उड़ती नजर आयी। बावजूद इसके कि हॉस्पिटल में इलाज के लिए सरकार द्वारा निर्धारित रेट लिस्ट भी लगी हुई है।
मृतक के परिजनों के मुताबिक उन्हें उक्त बिल का पक्का बिल देने की बजाय कच्चा बिल देने की ही बात कही गई और बिल की पेमेंट करने से पहले डेथ बॉडी देने की मना कर दी गई।
इस सारे मामले की जानकारी जब मैट्रो प्लस को दी गई तो हमने इस मामले से संबंधित वीडियो वायरल की। उसके पश्चात हॉस्पिटल प्रबंधन ने हॉस्पिटल की बदनामी और मरीज के परिजनों द्वारा बॉडी देने के लिए करवाई गई सिफारिशों के बाद बकाया बिल खत्म करते हुए डेथ बॉडी परिजनों को सौंप दी।
लेकिन अब मृतक के परिजनों का कहना है कि जब सरकारी रेट लिस्ट के हिसाब से उनका बिल करीब डेढ़ लाख का ही बनता है तो उनसे साढ़े तीन लाख रुपए भी क्यों जमा कराए गए। इसलिए उन्होंने जिला प्रशासन और सरकार से इस मामले में हॉस्पिटल प्रबंधन के खिलाफ उचित कानूनी कार्यवाही करते हुए उन्हें उनके पैसे वापिस दिलवाने की अपील की है जोकि उन्होंने कर्ज के तौर पर हॉस्पिटल में जमा कराने के लिए इधर-उधर से उधार लिए थे।
गुरुनानक हॉस्पिटल की कोरोना के नाम पर खुली लूट, देखें वीडियो। 👇👇
Corona_19 #cmo_palwal
Palwal : गुरुनानक देव हॉस्पिटल पलवल द्वारा सरकारी आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए कोरोना मरीज़ों से 15 हजार की बजाय 50 हजार रुपये और ऑक्सिजन के नाम पर 25 हजार रुपए प्रतिदिन के हिसाब से वसूले जा रहे हैं। इसके लिए पीड़ित के परिजनों को पक्के के बजाय कच्चा बिल दिया जाता है। ये सारा गौरखधंधा एक मरीज के परिजनों ने वीडियो में कैद कर लिया।
यही नहीं, वेंटिलेटर बेड के भी 18 हजार की बजाय एक लाख रुपये प्रति दिन के हिसाब से वसूले जा रहे हैं।
देखते हैं बड़े-बड़े दावे करने वाले प्रशासनिक अधिकारी अब इस वीडियो/खबर को देखने के बाद क्या कदम उठाते हैं।