Metro Plus से Jassi Kaur की रिपोर्ट
Faridabad News, 24 जुलाई: बडख़ल विधानसभा क्षेत्र में गुरू पूर्णिमा महोत्सव एक सप्ताह तक मनाया जाएगा। इसी श्रृंखला में बडख़ल विधानसभा क्षेत्र की भाजपा विधायक सीमा त्रिखा ने बडख़ल विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत विभिन्न धर्म गुरूओं की दहलीज पर जाकर माथा टेका और देश की सुख-शांति और समृद्धि की कामना करते हुए कोविड-19 के संपूर्ण विवश की कामना की। इस दौरान विधायक ने धर्मगुरूओं और संतों के चरणों में अपना सिर नवाकर सभी संतों व महापुरूषों का आशीर्वाद भी प्राप्त किया।
इस मौके पर विधायक सीमा त्रिखा ने सूरजकुंड रोड़ स्थित सिद्धदाता आश्रम में स्वामी श्री पुरूषोत्तमाचार्य महाराज, मंदिर पीर मोती नाथ, महाराज मार्केट नंबर 1 में पीर जगन्नाथ मंदिर जगद्गुरू, भगवान लाल, महाराज में गोस्वामी किशनलाल व गोस्वामी जयलाल, मंदिर जगद्गुरू रतनलाल महाराज में गोस्वामी श्यामलाल महाराज, शिवालय मंदिर नंबर-2 में महंत बसंतलाल, मंदिर जगद्गुरू वेद प्रकाश महाराज में भूषण बाली व उमेश बाली, गोस्वामी योगेश बाली तथा मंदिर जगद्गुरु धाम गांव अनखीर में ब्रिजांशुजी महाराज के दर्शन किए और उनका आशीर्वाद लिया।
इस दौरान विधायक सीमा त्रिखा ने कहा कि बडख़ल विधानसभा क्षेत्र में गुरू पूर्णिमा महोत्सव एक सप्ताह तक मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारतवर्ष ऋषि-मुनियों की धरती है, थी और हमेशा बनी रहेगी। आज ऋषि-मुनियों के योग की बदौलत से भारत देश को पूरा विश्व योग गुरू मान रहा है। माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में प्रदेश में ऋषि-मुनियों राष्ट्रहित में बेहतरीन कार्य करने पर उन्हें सम्मानित किया जा रहा है तथा समाज के उत्थान में इसी तरह भविष्य में भी जुटे रहने का आह्वान किया जा रहा है।
इस अवसर पर विधायक सीमा ने त्रिखा ने सभी को गुरू पूर्णिमा की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि गुरू दो अक्षरों से मिलकर बनता है जिसमें गु का अर्थ है अज्ञान एवं रू का अर्थ है दूर करने वाला अर्थात गुरू का अर्थ है अज्ञान को दूर करने वाला। इसलिए हमें माता-पिता तथा गुरूजनों का हमेशा सम्मान करना चाहिए और उनके बताए पथ पर आगे बढ़कर अपने माता-पिता एवं गुरूजनों नाम उज्ज्वल करने की कोशिश करना चाहिए। उन्होंने कहा कि गुरू हमें सदमार्ग पर चलना सिखाते हैं। इसलिए गुरू का स्थान भगवान से भी ऊंचा माना गया है। आज के समाज में ऐसे गुरू की जरूरत है जो शिष्य के विकारों को दूर कर सके।
इस मौके पर रीटा गोस्वामी, कमलेश भाटिया, रूद्रदेव शर्मा मोंटू, संदीप नागपाल, ज्ञानी प्रधान तथा सरदार मनजीत सिंह आदि विशेष रूप से उपस्थित रहे।
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