Metro Plus से Naveen Gupta की रिपोर्ट।
बल्लभगढ़, 5 अक्टूबर: अग्रवाल समिति बल्लबगढ़ एवं श्री वैश्य अग्रवाल समाज द्वारा महाराजा अग्रसेन की 5146वीं जयंती उत्सव पर एक भव्य काव्य समारोह का आयोजन किया गया। आए हुए कवियों ने अपनी कविताओं से मनोरंजन के साथ-साथ समाज को संदेश भी दिया। चावला कॉलोनी स्थित अग्रसेन भवन में महाराजा अग्रसेन जयंती पर आयोजित काव्य समारोह की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार वेद व्यथित ने की और मंच संचालन कवि मोहन शास्त्री ने किया। इस अवसर पर संस्था के अध्यक्ष जितेंद्र सिंगला, लोकेश अग्रवाल, घनश्याम मित्तल, ललित गोयल, विजय मंगला ,राजू मित्तल ने आए हुए अतिथियों का स्वागत किया।
कवयित्री ऋतु अस्थाना द्वारा मां सरस्वती की वन्दना के उपरांत काव्य समारोह में वर्तमान परिप्रेक्ष्य पर पुनीत पांचाल ने कटाक्ष किया:
कभी तो चंद सिक्कों की खनक में खो रहा हिंदू।
कभी सदभाव के बिरवे जगत में बो रहा हिंदू।
लगी है आग बस्ती में अभी घर तक कहां पहुंची,
तभी तो तानकर चादर मजे में सो रहा हिंदू।
कवि अशोक चंद्रवंशी ने देश के युवाओं से आह्वान किया-
उठो देश के वीर सपूतों वक्त तुम्हें जगा रहा है।
नवभारत का उगता सूरज तमको देखो मिटा रहा है।।
गगन अग्रवाल ने मां की ममता का इस तरह बखान किया-
अगर मैं हूं परेशान तो वो भी सो न पाती है।।
कभी वो मांगती मन्नत कभी धागा बनाती है।
रखकर कोख़ में नौ माह ना अहसां जताती है।
पिलाती है जो अपना खून हमें मां वो मां की छाती है।
वरिष्ठ गीतकार नवाब केसर ने रिश्तों के महत्व पर कुछ इस तरह कहा:
जुबान से दर्द का रिश्ता कभी कम हो नहीं सकता।
गगन से चांद का रिश्ता कभी कम हो नहीं सकता।
यही रिश्तों की अजमत है यही रिश्तों की खूबी है।
मोहब्बत से भरा रिश्ता कभी कम हो नहीं सकता।
गीतकार किशोर कुमार कौशल ने कुछ इस तरह कहा:
आदमी ही राह में कांटे बिछाता है।
आदमी ही फूल बन खुशबू लुटाता है।
आदमी में लाख कमियां हों मगर फिर भी
आदमी ही आदमी के काम आता है।
कवि सुरेश शर्मा ने मेहनत के महत्व को कुछ इस तरह समझाया:
मिलती है सौ बार विफलता जीवन में।
तभी हाथ लगती है सफलता जीवन में।
डॉ अंकुश शर्मा, अंजलि सरधना, सुरेश कौशिक एवं देवेंद्र देव ने भी अपनी रचनाओं से श्रोताओं को गुदगुदाया।
कार्यक्रम में कैलाश चंद्र गर्ग, कन्हैया लाल गोयल, राजेश गुप्ता, बिशन चंद बंसल, पार्षद दीपक चौधरी, रूप चंद गुप्ता, सुनील गोयल, विनोद मित्तल, रांतिदेव गुप्ता, बनवारी लाल गर्ग, नरेश अग्रवाल, सुनीता रानी, राजरानी गोयल एवं सीमा जैन मौजूद रहे।

अग्रसेन जयंती पर अग्रवाल समिति बल्लबगढ़ द्वारा आयोजित काव्य समारोह में कविता पाठ करते हुए कवि मोहन शास्त्री।

अग्रवाल समिति बल्लबगढ़ द्वारा महाराजा अग्रसेन जयंती पर आयोजित काव्य समारोह में आनंद लेते हुए श्रोतागण।




