मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट।
फ़रीदाबाद, 7 अक्टूबर; हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग के मुख्य आयुक्त टीसी गुप्ता के आदेश के बाद भी फरीदाबाद के किसी भी विभाग/कार्यालय के गेट व सार्वजनिक स्थानों पर राइट टू सर्विस अधिनियम के तहत बोर्ड नहीं लगे हैं। इन बोर्डों के तहत आम जनता को यह जानकारी देनी होती है कि सरकार द्वारा आम जनता को दी जा रही सुविधाओं का लाभ व उनकी शिकायतों पर कार्रवाई निर्धारित दिनों के अंदर करनी अनिवार्य होती है।
हरियाणा अभिभावक एकता मंच के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट ओपी शर्मा व प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने कहा है कि कुछ दिन पहले राइट टू सर्विस आयोग के मुख्य आयुक्त टीसी गुप्ता ने फरीदाबाद के सभी विभागों के प्रमुखों व सामाजिक संस्थाओं के पदाधिकारियों के साथ एक मीटिंग आयोजित करके राइट टू सर्विस अधिनियम के बारे में जानकारी दी थी और सभी अधिकारियों को यह आदेश दिया था कि वे शीघ्र ही अपने कार्यालयों के गेट पर बोर्ड लगायें जिसमें राइट टू सर्विस अधिनियम के नियमों की जानकारी तथा जरूरतमंदों को दी जाने वाली सेवाओं काU लाभ निर्धारित दिनों में देने की जानकारी लिखी हो।
मंच ने कई कार्यालयों में जाकर के पता लगाया है कि अभी तक किसी भी कार्यालय में इस प्रकार के बोर्ड नहीं लगे हैं।
मंच का आरोप है कि अधिकारी इस विषय पर गंभीर नहीं हैं। अधिकारियों पर मुख्य आयुक्त की चेतावनी का भी कोई असर नहीं है। मंच ने इसकी शिकायत राइट टू सर्विस आयोग के मुख्य आयुक्त टीसी गुप्ता से की है।
ऑल इंडिया पेरेंट्स एसोसिएशन आईपा के जिला अध्यक्ष एडवोकेट बीएस विरदी ने कहा है कि हरियाणा सेवा का अधिकार अधिनियम के तहत बनाए गए आयोग ने सरकारी विभागों द्वारा जनता को दी जा रही सेवाओं को निर्धारित दिनों में उपलब्ध कराने का नियम बनाया हुआ है। अगर अधिकारी/ कर्मचारी इन सेवाओं का लाभ निर्धारित समय में उपलब्ध नहीं कराते तो मुख्य आयुक्त को ऐसे अधिकारियों के खिलाफ जुर्माना करने उसके बाद भी अगर कार्य नहीं किया तो विभागीय उचित कार्रवाई व उसको नौकरी से बर्खास्त करने की सिफारिश करने का भी अधिकार दिया हुआ है। वर्तमान में 31 सरकारी विभागों की 546 सेवाओं को पूरा करने के लिए निर्धारित दिन इस अधिनियम में सूचीबद्ध किये गए हैं जैसे FIR की नकल उसी दिन, जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र 22 दिन के अंदर, विवाह रजिस्ट्रेशन तीन दिन, बिल्डिंग प्लान मंजूरी 60 दिन, नया राशन कार्ड 15 दिन, मेला प्रदर्शनी लगाने की NOC 5 दिन आदि।
मंच का कहना है कि अधिकारी व कर्मचारी तय दिनों के अंदर सेवा के ये कार्य नहीं करते हैं, तरह-तरह के निरर्थक ऑब्जेक्शन लगा कर लाभार्थियों को परेशान किया जाता है। इस एक्ट में यह भी प्रावधान है कि अगर कोई अधिकारी या कर्मचारी जान-बूझकर निरर्थक ऑब्जेक्शन लगा कर कार्य को लटकाता है तो ऐसे अधिकारी और कर्मचारी के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
मंच ने जिला उपायुक्त, प्रशासक हुडा, नगर निगम कमिश्नर व अन्य विभागों के प्रमुखों से कहा है कि वे शीघ्र ही अपने कार्यालय के आगे व सार्वजनिक स्थानों पर राइट टू सर्विस अधिनियम व निर्धारित दिनों में काम के निपटारे की जानकारी के बोर्ड लगवाएं और जो अधिकारी व कर्मचारी निर्धारित दिनों में काम का निपटारा ना करें उनके खिलाफ उचित कार्रवाई करें।