भूजल संरक्षण हरियाणा सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल: दुष्यंत चौटाला
मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 21 जनवरी: प्रदेश के वर्तमान उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि आज हमें अधिक से अधिक भूजल संरक्षण की आवश्यकता है। इसके लिए हमें अपने प्राकृतिक स्रोतों को पुर्नजीवित करना होगा। इस काम के लिए सरकार भी आगे आई है और इस वर्ष इस कार्य पर 1100 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला शनिवार को सेक्टर-15ए स्थित जिमखाना क्लब में रोटरी और आवाज फाउंडेशन द्वारा शहर के 100 ठप्प पड़े बोरवेल को पुर्नजीवित करने के अभियान की शुरूआत करते हुए पत्रकारों से बात कर रहे थे। कार्यक्रम में एफआईए के प्रधान नरेंद्र अग्रवाल, आवाज फाउंडेशन से नलिन हुड्डा, रोटरी के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर अशोक कंटूर, रोटरी क्लब ऑफ फरीदाबाद एलीट के प्रेजिडेंट नितिन कपूर, जजपा जिलाध्यक्ष राजेश भाटिया, अनिल खुटेला सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला इस अवसर पर कहा कि फरीदाबाद शहर में बड़ी संख्या में बोरवेल हैं जो भूजल स्तर नीचे जाने की वजह से ठप्प हो गए हैं। इससे बड़ी संख्या में लोगों को पीने का पानी नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि काफी समय पहले यह मामला संज्ञान में आया तो इसके लिए एक्स्पर्ट एजेंसी तलाशने के लिए कहा गया। काफी तलाश करने पर सामने आया कि महाराष्ट्र में कुछ लोग ठप्प पड़े बोरवैल को पुर्नजीवित करने पर काम कर रहे हैं। इसके बाद इन लोगों से संपर्क किया गया और आवाज फाउंडेशन व रोटरी द्वारा इस पूरे काम का जिम्मा लिया गया। इसके बाद अब फरीदाबाद शहर में यह प्रोजेक्ट शुरू किया जा रहा है और शुरूआत में 100 बोरवैल इसके तहत पुर्नजीवित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि इसके प्रतिवर्ष छह से आठ लीटर पेयजल आम लोगों को मिल सकता है। उन्होंने बताया कि इस परियोजना में एक बोरवेल में 50 हजार रुपये का खर्च आएगा। इसे रोटरी व आवाज फाउंडेशन मिलकर खर्च करेंगे।
पत्रकारों के एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि शुरुआत फरीदाबाद में करने के बाद इसे धीरे-धीरे अन्य संगठनों व औद्योगिक संगठनों के साथ मिलकर पूरे प्रदेश में शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आज पूरे प्रदेश में जल संरक्षण की दिशा में कार्य किए जा रहे हैं। पुराने तालाबों को पुर्नजीवित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि कई जिले प्रदेश में ऐसे हैं जहां भूजल स्तर उपर आने से दिक्कत आई है और यमुना किनारे के जिलों में जलस्तर काफी नीचे गया है। उन्होंने कहा कि इसी को देखते हुए जल संरक्षण की दिशा में सरकार आगे आई है। उन्होंने कहा कि घरों के निर्माण के दौरान रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना जरूरी है। वहीं गांवों में भी अगर कोई किसान अपने खेतों में यह वाटर रिचार्ज बोर सिस्टम लगाना चाहता है तो सरकार उसे 75 प्रतिशत तक सब्सीडी दे रही है। उन्होंने कहा कि चाहे किसान हो या सरकार जब तक हम एक जिम्मेदार नागरिक की तरह कार्य नहीं करेंगे इस गंभीर विषय को आगे नहीं बढ़ा सकते।