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IMA की मेडिकल संगोष्ठी में डॉ. बंसल बोले, दिल का दौरा 50 प्रतिशत ब्लॉक के साथ भी हो सकता है!

Metro Plus से Naveen Gupta की रिपोर्ट।
Faridabad News, 31 जुलाई:
आईएमए फरीदाबाद और एसएसबी हार्ट एंड मल्टीस्पेस्लिटी हॉस्पिटल के सौजन्य से एक मेडिकल संगोष्ठी का आयोजन नीलम-बाटा रोड़ स्थित होटल डिलाइट में किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता आईएमए फरीदाबाद के प्रेसिडेंट डॉ० दिनेश गुप्ता ने की। मंच-संचालन वाईस प्रेसिडेंट डॉ० अनिल डुडेजा और डॉ० कामना बक्शी ने किया। इस मौके पर आईएमए हरियाणा के संरक्षक डॉ० नरेश जिंदल और डॉ० अनिल गोयल विशिष्ठ अतिथि के रूप में मौजूद रहे। संगोष्ठी में जाने-माने हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ० एस.एस बंसल तथा न्यूरोसर्जन डॉ० भूपेंद्र फौजदार मुख्य वक्ता के रूप में मौजूद थे।

इस अवसर पर डॉ० एस.एस बंसल ने लोगों में दिल के दौरे की रोकथाम एवं उपचार के बारे में विस्तार से डॉक्टरों को जानकारी दी। उन्होंने बताया की दिल के दौरे के कारण बढ़ती अचानक मौतों को रोकने के लिए हृदय रोग का शीघ्र पता लगाना अति आवश्यक है।

उन्होंने आईएमए सदस्यों को बताया कि लगभग 20 से 25 प्रतिशत रोगियों में अचानक मृत्यु दिल के दौरे की पहली कड़ी है। इनमें से 50 प्रतिशत लोग दिल का दौरा पडऩे के 1 घंटे के भीतर मर जाते हैं। उन्होंने बताया की दिल का दौरा 50 प्रतिशत ब्लॉक के साथ भी हो सकता है उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जब तक हृदय धमनियों में ब्लॉक 70 प्रतिशत से अधिक नहीं हो जाते, तब तक बीमारी आपके शरीर में चुपचाप मौजूद रहती है। टीएमटी, स्ट्रेस इको, थैलियम और पीईटी सीटी आदि जैसे नियमित परीक्षण भी हृदय धमनियों में इन ब्लॉकों का पता नहीं लगा पाते। सीटी कैल्शियम स्कोरिंग सभी वयस्क व्यक्तियों में हृदय की रूकावट का पता लगाने के लिए एक सरल और महत्वपूर्ण परीक्षण है। उन्होंने कहा कि सीटी कैल्शियम स्कोरिंग और सीटी एंजियोग्राफी द्वारा बीमारी का शीघ्र पता लगाना दिल के दौरे के कारण होने वाली अचानक मौतों को रोकने की कुंजी है।

इस मौके पर डॉ० भूपेन्द्र फौजदार ने बताया की ब्रेन की कॉम्प्लेक्स सर्जरी आजकल मिनिमली इनवेसिव और डायग्नोस्टिक विधि से की जा सकती और इसके परिणाम बहुत ही बेहतर है। उन्होंने बताया कि एडवांस्ड टेक्नोलॉजी के उपयोग से स्पाइन सर्जरी आजकल डे-केयर में ही की जा रही है और किसी भी व्यक्ति को सेम डे ही डिस्चार्ज भी किया जा सकता है, मरीज अपनी रूटीन लाइफ जल्दी ही शुरू कर सकता है।

इस संगोष्ठी में मुख्य रूप से डॉ० अश्विनी वधावन, डॉ० सीमा बंसल, डॉ० दीपा गुप्ता, डॉ० कमल अग्रवाल, डॉ० सिद्धांत बंसल, डॉ० अरविन्द लोहान, डॉ० प्रताप सिंह कंवर, डॉ० राजेश जेटली, डॉ० राजीव जैन, डॉ० कामना बक्शी, डॉ० रेनू वधावन, डॉ० अनु गुलियानी, डॉ० सुनील भूटानी, डॉ० के.के. जिंदल, डॉ० एस.सी. जैन, डॉ० विकास अटवाल, डॉ० प्रदीप बंसल, डॉ० सुभाष ललित, डॉ० मीनाक्षी कंवर, डॉ० सोनिया अग्रवाल, डॉ० अंकुर शर्मा, डॉ० विशाल सोनी आदि डॉक्टर उपस्थित रहे।


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