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भाजपा नेता के पिता पर दर्ज बिजली चोरी के मामले में अधिकारियों पर गिर सकती है गाज, लाखों के जुर्माने के बाद भी नहीं काटी होटल की बिजली!

मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की खास रिपोर्ट।
फरीदाबाद, 20 अक्टूबर:
प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा के जिला कोषाध्यक्ष राजन मुथरेजा के पिता श्याम सुंदर जोकि शहर के एक नामी-गिरामी ट्रांसपोर्टर हैं, पर बना बिजली चोरी का केस शहरभर में खासकर राजनैतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। स्वच्छ व धार्मिक प्रवृति के बताए जाने वाले श्याम सुंदर पर बने बिजली चोरी के इस केस ने उनकी छवि पर कालिख पोतने का कार्य किया है। होटल पर बिजली चोरी का यह संगीन मामला जहां चंद बिजली अधिकारियों के गले की फांस बना हुआ है, वहीं मामले के डेढ़ महीने से ज्यादा बीत जाने पर भी होटल की बिजली का ना काटना बिजली निगम के अधिकारियों की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़ा कर रहा है। सेरेमनी होटल एंड बेंक्वेट्स में आज भी बिजली कनेक्शन लगा हुआ है और होटल जगमगा रहा है।

बता दें कि गत् 6 सितंबर को NIT-5 सब-डिवीजन के अंतर्गत रेलवे रोड़ पर स्थित CEREMONY HOTEL & BANQUETS में दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम यानि DHBVN की टीम ने पूरे दल-बल के साथ चैकिंग की थी। इस चैकिंग/रेड में टीम जिसमें संबंधित SDO युगांक जैन और दो JE रशीद खान व तोताराम सहित M&P और विजिलेंस स्टॉफ सहित करीब 15 निगम अधिकारी/कर्मचारी शामिल थेे, ने उक्त होटल पर बिजली चोरी का मामला पकड़ा था। इस पर रेड टीम ने मौके पर ही बिजली चोरी का केस बनाकर निगम का बिजली चोरी के मामले में भरा जाने वाला फार्म LL-1 न.-15565/31 भरकर होटल के मैनेजर को थमा दिया। यह होटल भाजपा के जिला कोषाध्यक्ष राजन मुथरेजा के पिता श्याम सुंदर का है, जोकि उनके मुताबिक उन्होंने राजेश आनंद और अमित अरोड़ा नामक दो लोगों को लीज पर दिया हुआ है।

बिजली चोरी के इस संगीन मामले में SDO युगांक जैन ने चैकिंग के करीब 13 दिन बाद 19 सितंबर को होटल मालिक श्याम सुंदर पुत्र श्री ठाकुर दास पता CP-8, NITजिनके नाम पर बिजली का कनेक्शन है, को इलेक्ट्रिसिटी एक्ट-2003 के सैक्शन 135 व 152 के तहत बिजली चोरी के एसेसमेंट चार्जेस और कम्पाऊंडिंग एमाऊंट के रूप में 63 लाख, 2 हजार, 770/- रूपये जमा कराने का नोटिस दे दिया। इसमें 6 लाख 10 हजार रूपये कम्पाऊंडिंग के तथा 56 लाख, 92 हजार, 770/-रूपय एसेसमेंट चार्जेस के दर्शाए गए हैं। हालांकि ये नोटिस नियम के मुताबिक 48 घंटे में देने होते हैं।

यहीं नहीं, साथ ही इस मामले में 19 सितंबर को ही SHO, हरियाणा स्टेट इंफोर्समेंट ब्यूरो पुलिस स्टेशन को भी बिजली चोरी के इस मामले में आरोपित श्याम सुंदर पुत्र श्री ठाकुर दास के खिलाफ FIR दर्ज करने के लिए संबंधित दस्तावेजों के साथ लैटर जारी कर दिया। बताया जा रहा है कि इंफोर्समेंट ब्यूरो ने 19 सितंबर का लैटर मिलने के बाद 26 सितंबर को एक सप्ताह बाद इस मामले में FIR दर्ज की है। अब FIR दर्ज हुई है सा नहीं, ये तो वो ही जाने। यहां भी नियम के मुताबिक 72 घंटे के अंदर FIR होनी होती हैं। इस मामले में बिजली निगम और हरियाणा स्टेट इंफोर्समेंट ब्यूरो पुलिस स्टेशन के संबंधित अधिकारियों की लापरवाही सामने नजर आ रही है।

बिजली चोरी के इस मामले में थाने में FIR दर्ज हुई है या नहीं, इसको लेकर जब संबंधित NIT-5 सब-डिवीजन के SDO युगांक जैन से बातचीत की गई तो उनका कहना था कि अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं हुई है। जबकि इंफोर्समेंट ब्यूरो पुलिस स्टेशन में तैनात ASI दलबीर सिंह जो इस केस के जांच अधिकारी हैं, का कहना था कि FIR दर्ज हो चुकी है और आरोपित को नोटिस भी भेजा गया है। वे इस मामले में जांच कर रहे हैं कि बिजली चोरी का जो केस बनाया गया है, वो ठीक है या गलत? वहीं विभागीय सुत्रों का कहना है कि बिजली चोरी के मामले में जांच अधिकारी का काम आरोपित से बिजली चोरी की रकम की रिकवरी करना और रिकवरी ना होने पर आरोपित को गिरफ्तार करने का है। जांच करने का कोई अधिकार इनके पास नहीं हैं। हालांकि इस मामले में बिजली और पुलिस विभाग के अधिकारी फिलहाल कुछ भी खुलकर बताने से कतरा रहे हैं।

इस मामले में किसी भी अधिकारी द्वारा कोई जानकारी ना देने का एक कारण यह भी बताया जा रहा है कि चूंकि इस बिजली चोरी को गलत बताते हुए आरोपित श्याम सुंदर के नाम से एक शिकायत DHBVN के मैनेजिंग डॉयरेक्टर @ MD को दी गई है जिस पर उन्होंने इस मामले की सच्चाई जानने के लिए इसे बिजली निगम के SE (Op.) को मार्क किया जिस पर SE ऑपरेशन फरीदाबाद ने इस मामले की जांच XEN NIT डिवीजन विजयपाल और SDO सब-डिवीजन NIT-3 को सौंप रखी है। इसलिए जांच पूरी होने तक कोई भी अधिकारी इस मामले में कुछ भी कहने से बच रहा है। उम्मीद है सोमवार-मंगलवार तक इस मामले की इंक्वायरी पूरी कर जांच रिपोर्ट संबंधित अधिकारियों को भेज दी जाएगी।

वहीं इस मामले में जब बिजली निगम के जानकारों से बात की गई तो उनका कहना था कि बिजली चोरी का केस बन LL-1 भर जाने के बाद बिजली निगम को कोई भी छोटा-बड़ा अधिकारी ना तो केस को कैंसिल कर सकता है और ना ही एसेसमेंट चार्जेस और कम्पाऊंडिंग एमाऊंट को कम कर सकता है। इससे साफ है कि इस मामले में आरोपित श्याम सुंदर जोकि भाजपा के जिला कोषाध्यक्ष राजन मुथरेजा के पिता हैं, को कोई रिलीफ मिलने वाला नहीं हैं। हां, अगर रिलीफ मिल सकता है तो कोर्ट से मिल सकता है जहां शायद वे अभी गए नहीं हैं। बावजूद इसके कि मुथरेजा परिवार में भी कई वकील हैं।

अब देखना यह है कि इस मामले मेंं बिजली निगम क्या कार्यवाही अमल में लाता है और किस-किस के खिलाफ क्या कार्यवाही होती है? -क्रमश:


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