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सूरजकुंड दीवाली उत्सव मेले में बड़ी चौपाल पर सांस्कृतिक छठा बिखरेने के साथ-साथ मुख्यमंत्री मनोहर लाल की भी की जाएगी नजर उतारो आरती।

मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट।
फरीदाबाद, 1 नवम्बर:
सूरजकुंड मेला परिसर में 3 से 10 नवंबर तक आयोजित होने वाले पहले सूरजकुंड दीवाली उत्सव मेले में जहां बड़ी चौपाल पर सांस्कृतिक छठा बिखरेगी, वहीं मुख्यमंत्री मनोहर लाल की नजर उतारो आरती भी की जाएगी। दीपावली मेले में सुबह 10 से शाम 07 बजे तक एंट्री होगी और पूरा थीम दीवाली त्यौहार पर केंद्रित रहेगा। ये जानकारी हरियाणा पर्यटन विभाग के प्रधान सचिव एमडी सिन्हा ने दी जोकि दीवाली उत्सव मेले की तैयारियों की समीक्षा बैठक करने यहां सूरजकुंड आए हुए थे। मीटिंग में उन्होंने जिला उपायुक्त विक्रम सिंह की उपस्थिति में अधिकारियों को उनकी जिम्मेदारियों सौंपते हुए उनसे मेले कीतैयारियों को लेकर जानकारी भी ली। बैठक में जिला उपायुक्त विक्रम सिंह, पर्यटन विभाग के एमडी नीरज कुमार, डीसीपी एनआईटी अमित यशवर्धन, एडीसी आनंद शर्मा, एसडीएम बडख़ल अमित मान सहित सभी विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

इस अवसर पर पर्यटन विभाग के प्रधान सचिव एमडी सिन्हा ने कहा कि मेले में एनसीआर में दिवाली की शॉपिंग के स्टालों पर फोकस रहेगा और प्रथम उत्सव को खास बनाने की तैयारियां की जा रही है। प्रशासनिक तथा पुलिस अधिकारियों की बैठक को सम्बोधित करते हुए एमडी सिन्हा ने कहा कि विश्व प्रसिद्ध सूरजकुंड मेला परिसर में इस बार पहला दीवाली उत्सव मनाने के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। यहां उत्सव की तैयारियों की जिम्मेदारी को लेकर उन्होंने सभी विभागों के अधिकारियों से जानकारी ली।

बैठक में अधिकारियों को निर्देश देते हुए प्रधान सचिव एमडी सिन्हा ने कहा कि मेले का स्वरूप अंर्तराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले से छोटा रहेगा। लेकिन इसके बावजूद पर्यटकों के उत्साह को देखते हुए हरियाणा पर्यटन विकास निगम इस उत्सव को भी भव्य व आकर्षक बनाने की तैयारियों में जुटा है। उन्होंने कहा कि मेले में आने वाले पर्यटकों के लिए 30 रुपये की एंट्री टिकट रखी गई है जबकि 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए एंट्री फ्री रखी गई है। स्कूली विद्यार्थी भी अपना पहचान पत्र दिखाकर एंट्री कर सकते हैं। पत्रकारों के लिए भी पहचान पत्र के आधार पर इंट्री रखी गई है।

इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि यह पहला दीवाली उत्सव है और आने वाले वर्षों में यह बड़ा स्वरूप लेेगा। उन्होंने कहा कि उत्सव के दौरान लोग मेले में आकर दिवाली से संबंधित खरीदारी कर सकेंगे। उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था, पार्किंग व्यवस्था, फायर सेक्रेटरी, स्वास्थ्य सेवाओं, सफाई व्यवस्था, बिजली व्यवस्था सहित सभी विषयों पर अलग-अलग विभागों के अधिकारियों को दिशा-निर्देश भी दिए। उन्होंने बताया कि फरवरी माह में लगने वाले अंर्तराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले में हर साल लाखों पर्यटक देश-विदेश की कला-संस्कृति खान-पान, हैंडीक्रॉफ्ट का आनंद लेने व खरीदारी के लिए आते हैं।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल के आदेश पर हो रहा है मेला:-
पर्यटन विभाग के प्रधान सचिव एमडी सिन्हा ने बताया कि इस बार पर्यटकों की मांग को देखते हुए मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने इस मेला परिसर में पहली बार दिवाली मेला आयोजित करने का तोहफा दिया है। उन्होंने बताया कि दीवाली मेले का स्वरूप अंर्तराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले से छोटा रहेगा। पहली बार लगने वाले दीवाली मेले के लिए परिसर के एक तिहाई क्षेत्र को ही प्रयोग किया जाएगा। शुरुआत में पहले साल करीब 300 स्टॉल ही तैयार किए गए हैं। चूंकि अंर्तराष्ट्रीय मेले का फोकस हैंडीक्रॉफ्ट होता है, इसलिए इस मेले को हैंडीक्रॉफ्ट की बजाए दीवाली के सामान व त्यौहार से जुड़ी खरीदारी पर केंद्रित किया जाएगा।

बड़ी चौपाल पर चलेंगे लगातार सांस्कृतिक कार्यक्रम:-
पर्यटन विभाग के प्रधान सचिव एमडी सिन्हा ने बताया कि मेले में बड़ी चौपाल पर लगातार सांस्कृतिक कार्यक्रम चलेंगे। इसमें पूरी तरह से भारतीय सांस्कृतिक परंपराओं की झलक दिखाई देगी।

धरातल पर किया निरीक्षण:-
इसके बाद उन्होंने सभी अधिकारियों के साथ मेला परिसर व बड़ी चौपाल का जायजा भी लिया। उन्होंने बताया कि दीपोत्सव दिवाली उत्सव का खास आकर्षण रहने वाला है। उन्होंने बताया कि प्राचीन सूरजकुंड को दीपों से सजाकर दीपोत्सव करने के लिए आर्केलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया से अनुमति लेने पर बड़ी चौपाल पर ही दीपोत्सव किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मेले में खान-पान के लिए विशेष तौर पर फूड कोर्ट सजाई जा रही है। यहां दीवाली मेले में आने वाले पर्यटक अच्छे खान-पान का आनंद ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि मेले का उद्देश्य पर्यटकों के त्यौहारी सीजन को खास बनाना है और इसके लिए हरियाणा पर्यटन विकास निगम तैयारियों को बेहतरीन बनाने में जुटा है।


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