मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की स्पेशल रिपोर्ट।
फरीदाबाद, 22 मार्च: आखिकार मैट्रो प्लस की खबर रंग लाई और हुडा विभाग ने सैक्टर-17 स्थित होटल एकांत को रिज्युम करने की कार्यवाही शुरू कर दी है। इस संबंध में सबसे पहले सैक्टर-17 हुडा मार्किट में स्थित SCF न.-12,13 और 14 तीनों को एडज्वाईन कर बनाए गए होटल एकांत को हुडा द्वारा 17(3) का नोटिस जारी किया गया है। यही नहीं, साथ ही इन तीनों SCF न.-12,13 और 14 को PPM सिस्टम में दर्ज करने के भी लिखित आदेश हुडा विभाग की अलॉटमेंट ब्रांच को जारी किए गए हैं।
ये PPM सिस्टम का क्या है? इसको लेकर जब हुडा के अधिकारियों से पूछा गया तो उनका कहना था कि ये विभाग का ऑनलाईन सिस्टम है जहां उक्त प्रकार की प्रोपर्टी को PPM सिस्टम में कम्पयूटराईज्ड एंटर कर दिया जाता है जिसके बाद प्रोपर्टी फ्रीज हो जाती है और वो उसे सेल या ट्रांसफर नहीं सकता।
वहीं जब सरकारी पार्कों, सरकारी बरामदों और आम रास्ते को गैर-कानूनी रूप से कब्जा कर उस पर बनाए गए मैरिज गार्डन को कब्जामुक्त कराने के संबंध में पूछा तो संबंधित विभागीय अधिकारियों ने बताया कि इस संबंध में पुलिस फोर्स और ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त करने के लिए जिला उपायुक्त को लिखा जा रहा है। जल्द ही उक्त अवैध मैरिज गार्डन को तोडक़र सरकारी पार्कों, बरामदों और आम रास्ते को कब्जामुक्त करवा दिया जाएगा।
बता दें कि पिछले दिनों मैट्रो प्लस ने खबर प्रकाशित/प्रसारित की थी कि सैक्टर-17 हुडा मार्किट में स्थित SCF न.-12,13 और 14 तीनों को एडज्वाईन कर बनाए गए होटल एकांत के संचालकों ने अपने आसपास बने पार्कों की डवलपमेंट और देखभाल की परमिशन की आड़ में वहां जनता की सुविधा के लिए बने सरकारी पार्कों और लोगों के आवाजाही के लिए बने सरकारी बरामदों और आम रास्ते को गैर-कानूनी रूप से कब्जा कर उसे मैरिज गार्डन में बदल रखा है। जहां एकांत के संचालक इसे कमर्शियल यूज़ कर यहां लग्जरी पार्टियां कर लाखों-करोड़ों के वारे-न्यारे कर रहे हैं।
इस मामले को जब मैट्रो प्लस ने प्रमुखता से उठाते हुए खबर प्रकाशित/प्रसारित की तो हुडा विभाग के अधिकारी हरकत में आए और उन्होंने सैक्टर-17 हुडा मार्किट में स्थित एससीएफ न.-12,13 और 14 तीनों को रिज्युम करने की कार्यवाही शुरू कर दी है।
वैसे तो होना तो ये चाहिए कि डवलपमेंट और देखभाल के नाम पर लिए गए हुडा विभाग के सरकारी पार्कों, बरामदों और आम रास्ते पर अवैध मैरिज गार्डन से सन् 1998 से लेकर अब तक जो करोड़ों रूपये एकांत होटल के संचालकों ने कमाए हैं, उसकी रिकवरी भी हुडा विभाग के अधिकारियों को कर इसे कब्जामुक्त करवाना चाहिए।
अब देखना यह है कि सरकारी पार्कों की डवलपमेंट और देखभाल की परमिशन लेकर उसकी आड़ में सरकारी पार्कों पर बना अवैध मैरिज गार्र्डन और सरकारी बरामदे और रास्ते पर हुआ अवैध कब्जा कब तक हटता है और उनसे रिकवरी की जाती है या नहीं?