नवीन गुप्ता
चंडीगढ़,19 अक्टूबर: हरियाणा में विभिन्न प्रकार के पर्यटन की संभावनाओं को देखते हुए राज्य सरकार ने पिछले एक वर्ष के दौरान ठोस कदम उठाएं हैं जिनमें हाईवे पर्यटन, धार्मिक पर्यटन के साथ-साथ अन्य पर्यटन संभावनाओं को तलाशने के कार्य को तरजीह दी जा रही है।
इस सम्बन्ध में जानकारी देते हुए पर्यटन विभाग की प्रधान सचिव डा० सुमिता मिश्रा सिंह ने बताया कि हरियाणा ने हाईवे पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पिंजौर के यादविन्द्रा गार्डन में पहला हाईवे पर्यटन परिसर शुरू किया। उसके बाद विभिन्न स्थलों जैसे कि अम्बाला, पिपली, करनाल, पानीपत, सोनीपत, फरीदाबाद, गुडग़ांव, हिसार, फतेहाबाद, सिरसा और रोहतक इत्यादि जगहों पर इन परिसरों को शुरू किया गया। इन परिसरों के शुरू होने से पर्यटकों और यात्रियों को सरकार द्वारा निर्धारित किये गए उचित दामों पर सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही हैं। इसके अलावा, धार्मिक पर्यटन के मद्देनजर कुरूक्षेत्र को धार्मिक शहर घोषित किया गया है, जो हर वर्ष बड़े हर्षोल्लास के साथ गीता जयन्ती समारोह आयोजित किया जाता है। इस समारोह में देश व विदेश के लोग शिरक्त करते हैं।
डा० सुमिता मिश्रा सिंह ने बताया कि पिछले एक वर्ष के दौरान पर्यटन विभाग ने पिंजौर के मुगल गार्डन में मेंगो मेला तथा पिंजौर हैरिटेज महोत्सव आयोजित करवाया। विभाग ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए और पर्यटकों और यात्रियों की सुविधा हेतु ट्रैवल गाईड भी प्रकाशित की है, जिसमें भारत के साथ-साथ विदेशों की भी जानकारी भी है। इस गाईड का विमोचन हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने किया। राज्य के सुरजकुण्ड में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर सूरजकुण्ड अन्तर्राष्ट्रीय शिल्प मेला आयोजित किया जाता है, जिसमें इस वर्ष छत्तीसगढ़ थीम स्टेट था। इसके अलावा, भागीदार देश के रूप में लेबनान ने शिरक्त की।
इस मेले में आने वाले लोगों के लिए सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से कईं नए कदम उठाएं गए, जिसमें मोबाईल एपस, ई.टिकटिंग, लोकेशन मैप, एसएमएस, आनलाइन टिकट बुकिंग इत्यादि शामिल हैं।
पर्यटन विभाग की प्रधान सचिव डा० सुमिता मिश्रा सिंह ने बताया कि राज्य में पुरानी सांस्कृतिक धरोहरों और धार्मिक स्थानों को पर्यटन गन्तव्य के रूप में विकसित करने के लिए योजना बनाई गई है। इसके अलावा,धार्मिक स्थानों पर पुरूष व महिलाओं के लिए अलग-अलग घाटों का निर्माण किया गया है। उन्होंने बताया कि 114 लाख रूपये की लागत से विभिन्न पर्यटन परिसरों में अतिरिक्त नये कमरों का निर्माण किया गया है। इसके अलावा, कुरूक्षेत्र के आईएचएम परिसर में 100 लाख रुपये की लागत से कर्मचारियों के लिए आवास तैयार किये गए हैं। इसी प्रकार, पिपली में 64 लाख रुपये की लागत से कान्फ्रेंस हाल, सूरजकुण्ड में होटल राजहन्स, फरीदाबाद के मैगपाई, रोहतक के तलयार लेक और समालखा में विभिन्न कमरों की मुरम्मत के लिए 64 लाख रुपये की राशि खर्च की गई। सूरजकुण्ड परिसर में 15 डिजाइन गैलरियों को कमरों में परवर्तित किया गया और सन्नहित सरोवर को 90 लाख रुपये की लागत से अपग्रेड किया गया।
इस मौके पर डा० सुमिता मिश्रा ने बताया कि कर्ण लेक करनाल में दुकानों का निर्माण, फरीदाबाद में सूरजकुण्ड मेला परिसर में नया बुनियादी ढ़ांचा और मुरम्मत कार्य 246 लाख रूपये की लागत से शुरू किया गया है। उन्होंने बताया कि यमुनानगर में एक नया आईएचएम स्थापित किया गया है, जिसका शैक्षणिक सत्र् इस वर्ष जुलाई से शुरू किया गया है।