Metro Plus से Naveen Gupta की रिपोर्ट।
Faridabad, 9 नवंबर: लगता है कि पुलिस के बाद अब शहर के नामी-गिरामी बिल्डर Adore कंपनी के खिलाफ नगर निगम ने भी सख्त रवैया अपना लिया है। इसी कड़ी में नगर निगम ने Adore बिल्डर के खिलाफ वो कार्यवाही की जिसकी शायद उनको उम्मीद तक नहीं थी।
निगम सूत्रों की माने तो Adore कंपनी पर नगर निगम के लाखों रूपये बकाया हैं जिसका भुगतान ना करने पर निगम ने Adore बिल्डर के खिलाफ अपनी कार्यवाही को अंजाम देना शुरू कर दिया है।
निगम सूत्रों की मानें तो Adore बिल्डर ने अपने फ्लेटों को बेचने और अपनी कंपनी की ब्रांडिंग के लिए अपनी अलग-अलग प्रोजेक्टों साईटों पर जो विज्ञापनों के बड़े-बड़े बोर्ड लगवाए गए है, उनकी लाखों रूपये की एडवरटाईजमेंट फीस उसने निगम को जमा नहीं कराई जिसके चलते नगर निगम ने Adore के प्रोजेक्टों साईटों पर जाकर उनके बोर्डों पर पेंट पोतने और वहां लगी केनोपी को हटाने की कार्यवाही को अंजाम दिया।
निगम सूत्रों की मानें तो Adore बिल्डर की सैक्टर-76, सैक्टर-78, सैक्टर-81 तथा सैक्टर-83 प्रोजैक्ट साईटों पर लगे विज्ञापनों के चलते नगर निगम को आर्थिक नुकसान हो रहा था। इसके चलते निगम ने Adore बिल्डर के खिलाफ कार्यवाही को अंजाम दिया।
बताया जा रहा है कि Adore बिल्डर की सैक्टर-76 साईट पर लगे बोर्डों की एडवरटाईजमेंट फीस के 13 लाख, 68 हजार, 684 रूपये, सैक्टर-78 साईट पर लगे बोर्डों की एडवरटाईजमेंट फीस के 3 लाख, 33 हजार, 450 रूपये, सैक्टर-81 साईट पर लगे बोर्डों की एडवरटाईजमेंट फीस के 6 लाख, 66 हजार, 900 रूपये बकाया थे जबकि सैक्टर-83 Adore प्रोजैक्ट साईट की बिल्डर कंपनी ने परमिशन ही नहीं ले रखी थी।
निगम सूत्रों की मानें तो इस बकाया राशि को निगम में जमा कराने के लिए नगर निगम ने कई बार adore कंपनी को नोटिस भी दिए। लेकिन जब कंपनी ने निगम की लाइसेंस फीस जमा नहीं कराई तो MCF ने अपनी इस कार्यवाही को अंजाम दिया।
इसके अलावा BPTP के बोर्डों पर भी MCF ने इसी प्रकार की कार्रवाई को अंजाम दिया।










