सोनिया शर्मा
फरीदाबाद, 7 नवंबर: विश्व जागृति मिशन फरीदाबाद मंडल द्वारा आयोजित चार दिवसीय विराट भक्ति सत्संग के प्रथम संध्या पर परम पूज्य श्री सुधांशु का स्वागत आरसी खंडेलवाल, श्यामवती बेनीवाल, हीरा लाल शर्मा, विकास चंदेला, रमाकांत तिवारी, कैप्टन शादीलाल भाटिया, सुंदर गाबा, दीपा बंसल, सरला आहूजा, सिदार्थ गांधी, एन मोहन आदि ने पुष्प मालाएं से किया। श्री सुधांशु ने अपने प्रवचनों से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। वहीं ज्ञानदीप विद्यालय के नन्हें-मुन्हें बच्चों द्वारा गीत प्रस्तुत कर उनका स्वागत किया गया। कार्यक्रम का प्रारम्भ पूज्य व आरके शर्मा, एमपी रूंगटा, एचके बत्रा, ऋषि अग्रवाल ने दीप प्रज्जवल से किया गया। महाराज सुधांशु ने अपने प्रवचनों में कहा कि आत्मा का सफर अनेक जन्मों से जारी है। मनुष्य देह में पहुंचने के बाद जिसको आत्मज्ञान हो गया हो वह भाग्यशाली इंसान हे। बुरी आदतें हमें हमारे दुश्मन नहीं दोस्त ही सिखाते हैं इसलिए अच्छी संगत का चुनाव करें। हर परिस्थिति में आनन्द लेना सीखें। हम सब परमात्मा के बच्चे हैं। हम पूर्णता की तरफ चल रहे हैं इसलिए अपूर्ण हैं। अपूर्णता की वजह से हम दुखी होते हैं और दुख: अशांति का कारण होता है। पूर्ण परमात्मा के दर्शन हमारे अंदर ही हैं जो कि अशांति की वजह से संभव नहीं होते। परिणाम स्वरूप ईष्र्या, अहंकार, क्रोध, मोह, लोभ इत्यादि के कारणों से शांत नहीं हो पाते और परमात्मा की कृपा से वंचित रह जाते हैं। उसके लिए हमें आत्मचिंतन की जरूरत है। आत्मचिंतन से आत्मा दर्शन होता है। तत्पश्चात पूर्ण शांति प्राप्त होती है। शांति सबसे बड़ी दौलत है। परन्तु दुनिया शांति को भंग करने में लगी हुई है। शांति प्राप्त करने के लिए कुछ बातंं जरूरी हैं अनुशासन, अच्छे संकल्प, कृतज्ञता। श्री सुधांशु ने कहा अच्छे सपने देखने की आदलत बनाएं और उसको पूरा करने के प्रयास करें।