जस्प्रीत कौर
फरीदाबाद, 15 नवंबर: आज के युग में जब कोई निजी स्कूल किसी एक गरीब बच्चे को भी नि:शुल्क शिक्षा देने में आनाकानी करता है तो ऐसे ही समय में वाहेगुरू एजुकेशन चैरिटेबल सोसायटी उन गरीब व असहाय बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है जिनका या तो कोई कमाने वाला नहीं है या फिर उनके परिवार इस लायक नहीं है कि अपने बच्चों को अच्छे स्कूलों में उच्च शिक्षा दिला सके। बिना सरकारी सहायता के यह संस्था 92 लड़के व लड़कियों को मुफ्त शिक्षा दिलाने का सराहनीय कार्य कर रही है। अब संस्था का टारगेट है कि यह संख्या बढ़ाकर 500 तक की जाए ताकि शिक्षा से महफूज दूसरे गरीब बच्चे भी इसका लाभ उठा सके और समाज में बराबर के पायदान पर खड़ा होकर अपना मुकाम हासिल कर सकें। इसके लिए संस्था को उद्योगपतियों से लेकर शिक्षावृद्धि और चार्टेड एकाऊंटेंट की पूरी मदद मिल रही है।
ये वही बच्चे है जो आज न केवल छोटी कक्षाओं में पढ़ रहे है बल्कि इंजीनियरिंग से लेकर एमबीए और दूसरे महत्वपूर्ण विषयों में शिक्षा ग्रहण कर रहे हंै। जबकि इनमें से कई के परिवारों का भरण पोषण करने वाले पिता तक नहीं है और जिनके हैं वे कभी जिंदगी में भी नहीं सोच सकते थे कि वे दूसरे बच्चों की तरह बड़े स्कूलों में शिक्षा ग्रहण करके अपने जीवन को सुधार पायेगें। यह सब पूरा हो पाया है वाहेगुरू एजुकेशन सोसायटी के पदाधिकारियों की मदद से। आज यह संस्था 92 बच्चों की शिक्षा की जिम्मेदारी निभा रही है और वह केवल एक वर्ष तक नहीं बल्कि जब तक ये बच्चे पढऩा चाहे संस्था उनकी शिक्षा से लेकर किताब व वर्दी तक का खर्चा वहन करती है। इतना ही नहीं स्कूलों को भी मोटीवेट किया जाता है कि वे अपने स्तर पर भी ऐसे बच्चों के लिए कम से कम फीस लें। संस्था के वार्षिक समारोह मे इन बच्चों ने अपने शिक्षा क्षेत्र के अनुभव सांझे करके बता दिया कि वे दूसरे प्रतिभावान बच्चों से किसी भी मायने में कम नहीं है। छोटे से रूप में मानवता की सेवा के लिए शुरू हुई वाहेगुरू संस्था में अब धीरे-धीरे बड़ा रूप लेती जा रही है और कमाई की अंधी दौड में लगे उद्योगपति भी इसे सच्ची सेवा मानकर इससे जुडऩे लगे है। क्योंकि संस्था केवल चंदे पर ही चलती है और उसे कोई सरकारी सहायता नहीं मिलती है। संस्था द्वारा शिक्षा के लिए गोद लिए गए बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करके सबका मन-मोह लिया।
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