जीएसटी एकीकृत कर प्रणाली के रूप में कर सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध होगा: विमल जैन
नवीन गुप्ता
फरीदाबाद, 21 नवम्बर: प्रमुख औद्योगिक संगठनों के पदाधिकारियों व औद्योगिक प्रतिनिधियों ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि जीएसटी को लागू करने के लिये जहां ठोस कार्यनीति तैयार की जाए वहीं इस संबंध में राज्यों व केंद्र के हितों के साथ-साथ जीएसटी का वह प्रारूप बरकरार रखा जाए जिसके तहत यह उम्मीद व्यक्त की जाती रही है कि जीएसटी एकीकृत कर प्रणाली के रूप में कर सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध होगा।
पीएचडी चैम्बर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज के टैक्सिस चेयरमैन विमल जैन के अनुसार देश में प्रस्तावित जीएसटी कर प्रणाली टैक्स ढांचे में सुधार की दिशा में प्रभावी कदम सिद्ध हो सकता है बशर्ते जीएसटी में राज्यों व केंद्र के लेवी टैक्सिस, कॉमन टैक्स तथा इनपुट टैक्स को न्यूनतम स्तर पर लाने का जो लक्ष्य निर्धारित किया गया है, उसे प्रभावी रूप से क्रियान्वित किया जाए।
श्री जैन ने कहा है कि वर्तमान में आवश्यकता इस बात की है कि केंद्र सरकार जीएसटी को लागू करते हुए वह उम्मीदें पूरी करे जिसके तहत इस कर ढांचे से उद्योग प्रबंधक, व्यापारी, व्यवसायी तथा सर्विस सैक्टर से जुड़े सभी वर्गों को राहत मिलने की उम्मीद व्यक्त की जा रही है।
डीएलएफ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रधान जेपी मल्होत्रा के अनुसार जीएसटी वास्तव में देश का सबसे बड़ा टैक्स रिफोर्म सिस्टम माना जा रहा है जिसमें कर ढंाचे के सुधारीकरण के साथ-साथ ऐसी व्यवस्था की उम्मीद व्यक्त की जा रही है जिसमें एसएमई सैक्टर को कर संबंधी प्रक्रिया के तहत एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय में भटकना नहीं पड़ेगा।
श्री मल्होत्रा का मानना है कि जीएसटी व आईजीएसटी की दोहरी रजिस्ट्रेशन के संबंध में भी साकारात्मक निर्णय लिये जाने चािहएं और फार्मस व पेपर वर्क को न्यूनतम स्तर पर लाया जाना चाहिए। श्री मल्होत्रा के अनुसार यह माना जा रहा है कि नई कर प्रक्रिया में मौजूदा फार्मों की संख्या 112 से घटकर 7, एनैकजर्स की संख्या 317 से घटकर 10 और चालानों की संख्या 12 से घटकर 1 रह जाएगी जिसके लिये लक्ष्यों के अनुरूप कार्य जरूरी है।
श्री मल्होत्रा का सुझाव है कि जीएसटी में आईटी सैक्टर को प्रभावी रूप से सम्मिलित किये जाने की जो संभावनाएं हैं वह निश्चित रूप से सराहनीय हैं। आपने बताया कि नये सिस्टम में भुगतान 30 में से किसी भी राष्ट्रीयकृत बैंक, 400 अन्य बैंक और 5 से 6 डैजीग्रेटिट बैंकों में किया जा सकता है।
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया है कि जीएसटी वास्तव में टैक्सों के सरलीकरण के साथ-साथ बिजनेस को आसान बनाने की दिशा में प्रभावी कदम सिद्ध होगा और कर सुधारों की दिशा में ऐसा प्रभावी कदम बनेगा, जो राष्ट्र की आर्थिक विकास दर को बढ़ाने में महत्वपूर्ण सिद्ध होगा।