नवीन गुप्ता
नई दिल्ली, 17 दिसंबर: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी नेशनल हेराल्ड मामले में आगामी शनिवार को दिल्ली की एक अदालत के समक्ष पेश होंगे। ऐसी अटकलें हैं कि वे शायद जमानत के लिए आवेदन नहीं करें।
सूत्रों के अनुसार, जमानत की नौबत आने पर सोनिया और राहुल बेल अर्जी नहीं देंगे। ऐसा होने पर उनके जेल जाने की नौबत आ सकती है। सूत्रों के अनुसार, इस केस में कांग्रेस अब इमोशनल फायदा उठाने की तैयारी में है। वहीं, 19 दिसंबर की इस सुनवाई के दौरान कांग्रेस बड़े राजनीतिक जमावड़े की तैयारी भी कर रही है।
दोनों नेता शनिवार दोपहर अदालत में उपस्थित होने के बाद क्या रुख अपनाएंगे, इसको लेकर पार्टी चुप्पी साधे हुए है। प्रक्रिया के तहत जब किसी आरोपी को सम्मन किया जाता है तो वह अदालत के समक्ष उपस्थित होकर जमानत की मांग करता है जिसे अदालत मंजूर कर सकती है या अन्यथा आरोपी को न्यायिक हिरासत में ले लिया जाता है। अगर आरोपी जमानत के लिए आवेदन नहीं करता है तो अदालत उसे न्यायिक हिरासत में ले सकती है। ऐसी अटकलें हैं कि सोनिया और राहुल शायद जमानत की कोशिश नहीं करें और हिरासत में लिया जाना पसंद करें ताकि हेराल्ड मामले में वे राजनीतिक मुद्दा बना सकें।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि हम न्यायिक प्रक्रिया का सम्मान करते हैं और अदालत की प्रक्रिया के समक्ष खुद को पेश करेंगे। कांग्रेस अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को न्यायिक प्रक्रिया में पूरा विश्वास है। वे वकीलों की सलाह के मुताबिक कदम उठाएंगे। दोनों की पैरवी कर रहे वकील अभिषेक सिंघवी ने इस सवाल का स्पष्ट जवाब नहीं दिया कि क्या वे जमानत के लिए आवेदन करेंगे।
सिंघवी ने कहा कि हम अपनी रणनीति साझा नहीं कर सकते। मैंने इस मुद्दे पर किसी से बात नहीं की है। मैं इस पर बोल नहीं सकता। पार्टी अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के प्रति एकजुटता दिखाते हुए अनेक पार्टी पदाधिकारी और सांसद उनके साथ अदालत जा सकते हैं।