पंजाबी तड़के ने श्रोताओं को किया झूमने पर विवश संगीत के हर रंग को छुआ
नवीन गुप्ता
फरीदाबाद, 7 फरवरी: अंर्तराष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले की बीती संध्या संगीत के विभिन्न रंगों से सराबोर हो उठी जब टीवी शो सा-रे-गा-मा की विजेता रही रिंकू कालिया ने गायन प्रस्तुति दी। उन्होंने संगीत के हर रंग को छूने का प्रयास किया जिसमें गजल गीत मुख्य रूप से शामिल रहे। साथ ही पंजाबी पॉप के तड़के ने श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया।
शनिवार की संगीतमय संध्या चंडीगढ़ की सुविख्यात गजल गायक कलाकार रिंकू कालिया के नाम रही। जिन्होंने श्रोताओं को अपनी गायिकी से मंत्रमुग्ध कर दिया। संगीत संध्या की शुुरुआत उन्होंने गजल से कुछ इस प्रकार की लज्जते गम बढ़ा दीजिये। इसके अलावा उन्होंने कई खूबसूरज गजलें पेश की। उन्होंने ये न थी हमारी किस्मत के बिसाले यार होता सुना था कि वो आयेंगे अंजुमन में की मधुर प्रस्तुति दी।
रिंकू कालिया ने सदाबहार नगमों की भी बेहतरीन प्रस्तुति देते हुए माहौल का संगीत रस में डूबो दिया। उन्होंने लता मंगेशकर द्वारा गाये गीत लग जा गले से की शानदार प्रस्तुति दी जिस पर दर्शकों ने खूब तालियां बजाई। इसके साथ ही उन्होंने ये शमां शमां है ये प्यार का आदि गीतों की भी सुरीली प्रस्तुतियां दी। उन्होंने पंजाबी फॉक का भी जबर्दस्त तड़का लगाया। उन्होंने पंजाबी में लठे दी चादर सुण चरखे दी कूके और बूहे वारियां की बेहतरीन प्रस्तुतियों से माहौल को एक अलग रंग में ढ़ाल दिया। कार्यक्रम का समापन उन्होंने दमादम मस्त कलंदर की प्रस्तुति से किया।
सूरजकुंड मेले में दूसरी बार प्रस्तुति देने आई रिंकू कालिया की हर प्रस्तुति का स्वागत दर्शकों ने तालियां बजाकर किया। वे टी-सीरिज की मूवीज में भी गायन दे चुकी हैं और पंजाबी गायक बब्बू मान के साथ भी गानों में अपनी आवाज दी है। इंडिया रेडिया तथा नॉर्थ जोन कल्चरल पैनल में भी वे शामिल हैं। इस दौरान उनका कहना था कि वे गजल विधा का अधिकाधिक प्रचार-प्रसार करना चाहती हैं, जिसके लिए वे लगातार हर संभव प्रयास कर रही हैं।