इतनी कम उम्र में हृदय व ब्रेन की पूरे भारत में की गई यह पहली सफल सर्जरी है।
नवीन गुप्ता
फरीदाबाद, 9 मार्च:चिकित्सा क्षेत्र में अग्रणी मैट्रो अस्पताल के डॉक्टरों ने एक 24 वर्षीय इंजीनियर की सफल ब्रेन व बाईपास सर्जरी करके उसे नया जीवन प्रदान किया है। इतनी कम उम्र में हृदय व ब्रेन की पूरे भारत में की गई यह पहली सफल सर्जरी है। जिस समय उसे अस्पताल लाया गया, वह छाती में तीव्र दर्द और भारीपन की शिकायत कर रहा था, ईसीजी तथा खून की जांच करने पर असामान्यता पायी गई, इसलिये उसकी हृदय की एन्जियोग्राफी की गई। एन्जियोग्राफी के नतीजे चौकाने वाले थे। इस युवक की तीनों रक्त वाहिनियों में गम्भीर ब्लॉक्स थे। साथ ही लेफ्ट मेन्यू में भी 90 प्रतिशत से अधिक ब्लॉक्स था। इसके अतिरिक्त दिमाग की दोनो वाहिकाओं जिन्हें इंटरनल कंट्रोल आर्टी बोलते है में भी गम्भीर ब्लॉक्स थे। इस प्रकार के मरीजों के लिए बाईपास सर्जरी सबसे उपयुक्त इलाज है क्योंकि हृदय की तीनों नसों तथा दिमाग की नस में भी ब्लॉक्स थे। इस युवक का बाईपास तथा ब्रेन की नस का एंडारर्टी सफलतापूर्वक किया गया। अस्पताल के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ० मितेश शर्मा ने बताया कि बाईपास ग्राफ्ट के लिये दोनो ओर की इंटरनल मैमरी आर्टी का इस्तेमाल किया गया जोकि लम्बे समय तक इस युवक को रोग मुक्त जीवन देगी। सर्जीकल टीम द्वारा दोनों ओर की नस जोड़कर स्किप ग्राफ्ट बनाया गया और फिर इसके दोनो लिम्बस से टोटल आर्टियल बाईपास कर दिया गया जिससे तीनों ब्लॉक्स को खोल दिया गया। इसके साथ ही दिमाग की धमनी के ब्लॉक को भी हटा दिया गया। धमनी के ग्राफ्ट की आयु वेनोअस ग्राफ्ट से ज्यादा होती है इसलिए ये युवा लोगों में अधिक उपयुक्त है। डॉ० शर्मा ने बताया कि 24 वर्षीय मरीज में कंप्लीट आर्टियल ग्राफ्टिंग एवं कैरिओटिड आर्टि सर्जरी भारत में पहली बार की गई है। अस्पताल के निदेशक एवं वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ० एस.एस. बंसल ने बताया कि मरीज का सिर्फ एक ही रिक्स फैक्टर था कि उसके शरीर में वसा की मात्रा की अधिकता थी इसके अंतर्गत उसका कोलेस्ट्राल तथा एलडीएल (खराब वसा) की मात्रा सामान्य से काफी अधिक थी। इसके चलते उसे इतनी कम उम्र में हृदय की खतरनाक बीमारी हो गई। डॉ० एस.एस. बंसल ने बताया कि हृदय रोग एक एपीडेमिक की तरह भारत में फैल रहा है और दुर्भाग्यवश युवा पीढ़ी को अपना शिकार बना रहा है। अपनी जीवन शैली में परिवर्तन लाकर इस महामारी से बचना बहुत जरूरी है। खाने में परहेज, जंक फूड खाने से बचाव, नियमित व्यायाम, वजन में गिरावट, रक्त चाप तथा मधुमेह का नियन्त्रण जैसी चीजों को अमल में लाकर हम अपनी युवा पीढ़ी को अच्छा स्वास्थ्य की सौगात दे सकते है। उन्होंने सफल सर्जरी पर अस्पताल की टीम को बधाई देते हुए कहा कि मैट्रो अस्पताल भविष्य में भी बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए लोगों को कृतसंकल्पित रहेगा और आधुनिक तकनीक से लोगों की बेहतर चिकित्सय देखभाल करेगा।