मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 3 अप्रैल: पुलिस की लापरवाही का नतीजा यह रहा की एक नाबालिग बच्चा 2 माह तक दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर हुआ, वहीं उसके माता-पिता भी बच्चे की खोज में मारे-मारे फिरते रहे। जानकारी के अनुसार एनएच-3 स्थित नेहरू कॉलोनी निवासी श्याम सुंदर का 7 वर्षीय पुत्र विकास 17 फरवरी को घर से खेलते खेलते दूर चला गया। लेकिन वह वापिस घर ढूंढने में नाकाम रहा। दो दिन बाद पुलिस को वह लावारिश अवस्था में घूमते हुए मिला जिसे सीडब्ल्यूसी के चेयरमैन एच.एस. मलिक के सम्मुख प्रस्तुत कर उसे बाल आश्रय देख-रेख स्थल भेज दिया गया। सीडब्ल्यूसी के अथक प्रयास से विकास से मां-बाप को खोज निकाला और आज उसे उसके माता पिता को सौंप दिया।
विकास की मां पूजा ने बताया कि वह बच्चे के गायब होने की सूचना एनएच-3 पुलिस चौकी में देने गई थी लेकिन उन्होंने बच्चे का फोटो न होने के कारण सूचना नहीं ली और न ही मामला दर्ज किया। लेकिन किसी ने बताया कि ऐसे बच्चों की जानकारी सीडब्ल्यूसी कार्यालय में होती है और वे सीडब्ल्यूसी के चेयरमैन एच.एस. मलिक से मिले तथा बच्चे का हुलिया बताया।
श्री मलिक ने बताया कि विकास के माता-पिता को लेकर उनके सदस्य बच्चों के आश्रय स्थलों में गए जहां उन्होंने अपने बच्चे की पहचान की और बच्चे ने अपने माता-पिता को पहचान लिया।
इस अवसर पर काउंसर अर्पणा, सीडब्ल्यूसी के सदस्य गीता सिंह, अर्चना चौधरी, मीनू शर्मा, अली हसन सहित बच्चे के माता-पिता उपस्थित थे।