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हॉमर्टन स्कूल के छोटे-छोटे बच्चों ने चाचा नेहरू को अनेक संदर्भों में याद किया

मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 15 नवंबर: हॉमर्टन स्कूल में कक्षा पहली से कक्षा 12वीं के छात्र-छात्राओं द्वारा बड़ी धूमधाम से अपना बाल दिवस मनाया गया। हॉमर्टन ग्र्रामर प्रत्येक स्मरणीय अवसर पर विशेष कार्यक्रमों का आयोजन कर बच्चों को सदैव जागरूक नागरिक बनाने की ओर अग्रसर है। स्कूल के छोटे-छोटे बच्चों ने चाचा नेहरू को अनेक संदर्भों में याद किया। स्कूली बच्चों द्वारा कविता पाठ और संस्मरण पाठ द्वारा अपने सुंदर भाव व्यक्त किए। कार्यक्रम के अंत में बच्चों को मानसिक रूप से स्वस्थ और सशक्त बनाने के लिए विशेष योग अभ्यास कार्यक्रम हुए जिससे मस्तिष्क योग कहा गया और उपस्थित बच्चों ने बड़े उत्साह से इसमें भाग लिया क्योंकि इसमें शारीरिक व्यायाम का दबाव अधिक नहीं था और इसके द्वारा सम्पूर्ण योग का लाभ भी प्राप्त होगा।
इस बाल दिवस के मौके पर स्कूल के डॉयरेक्टर राजदीप सिंह ने स्कूल के विद्यार्थियों को बताया कि चाचा नेहरू अपना सारा समय देश की समस्याओं को सुलझाने में व्यतीत करते थे। वह बच्चों को बहुत प्यार करते थे। बच्चे उन्हें चाचा नेहरु कहते थे। इसलिए उनका जन्मदिन 14 नवम्बर को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि नेहरू जी का जन्मदिन उनके पहले जन्मदिन से ही एक अलग अंदाज में मनाया जाता था। जन्म के बाद से लगातार हर वर्ष 14 नवम्बर के दिन उन्हें सुबह सवेरे तराजू में तौला जाता था। तराजू में बाट की जगह गेंहू या चावल के बोरे रखे जाते थे। तौलने की यह क्रिया कई बार होती थी कभी मिठाई तो कभी कपड़े-बाट की जगह रखे जाते थे। चावल, गेंहु, मिठाई एवं कपङे ग़रीबों में बांट दिए जाते थे। बढ़ती उम्र के साथ बालक जवाहर को इससे बहुत खुशी होती थी। एक बार जवाहरलाल ने अपने पिता से पूछा कि हम एक वर्ष में एक से ज्यादा बार जन्मदिन क्यों नही मनाते ताकि अधिक से अधिक लोगों की सहायता हो सके।
कार्यक्रम के अंत में स्कूल के डॉयरेक्टर राजदीप सिंह ने सभी विद्यार्थियों को बाल दिवस की हार्दिक शुभकामनांए दी। बाल दिवस कार्यक्रम का अंत सभी विद्यार्थियों, अध्यापिकाओं व स्कूल स्टॉफ द्वारा राष्ट्रगान गा कर हुआ।



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