मैट्रो प्लस से जस्प्रीत कौर की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 5 दिसम्बर: मेट्रो अस्पताल के वरिष्ठ न्यूरोलॉजिस्ट डॉ० रोहित गुप्ता का कहना है कि डिप्रेशन के सबसे अधिक रोगी वर्कप्लेस में होते है। इससे बचने के लिए लोग दवाईयों का सराहा लेते है जो सेहत के लिए ठीक नहीं मानी जाती है। दवाईयों के साथ आप दौड़ लगाना भी शुरू कर दीजिए क्योंकि दौडऩा अपने आप में एक संपूर्ण व्यायाम है। इससे शरीर के हर हिस्से को फायदा होता है। दुनिया में सबसे ज्यादा डिप्रेशन के मरीज भारत में है। इसकी एक वजह वर्कप्लेस भी है। वर्कफार्स में सबसे ज्यादा डिप्रेस्ड लोग है। इसकी वजह व्यक्तिगत से लेकर वर्कप्रेसर तक कुछ भी हो सकती है। उन्होंने कहा कि इंडस्ट्रियल साइकिएट्री जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट में भी यह बात कही गई है। जिसके मुताबिक 10 से 12 फीसदी लोग मानसिक रोग से ग्रस्त है।
डॉ० रोहित गुप्ता ने कहा कि फरीदाबाद के वर्किंग प्लेस में भी सुधार की काफी जरूरत है जिस पर बेहद कम ध्यान दिया जा रहा है। कंपनी, हॉस्पिटल्स व कार्पोरेट हाउस में वर्क प्रेसर लोगों पर अधिक देखने को मिला है। कई बार मरीज इस बात को खुद बताते है। वहीं इसके लिए कई बार व्यक्ति स्वयं भी जिम्मेदार होता है, क्योंकि वह आज के काम को अगले दिन पर टाल देता है जिससे अगले दिन पर काम का प्रेसर बढ़ जाता है। इससे वह जनरल एंग्जायटी या डिप्रेशन का शिकार हो जाता है। ऐसे में लोगों को वर्किंग प्रोफेनल में थोड़े बदलाव की जरुरत है। साथ ही संस्थानों में लोगों का अच्छा वर्किंग कल्चर देने की आवश्यकता है। ऐसा करने से डिप्रेशन के रोगियों की संख्या में कमी आएगी। साथ ही अगर व्यक्ति रोजाना एक घंटा दौड़े या सैर पर जाए इससे भी डिप्रेशन के प्रभाव में कमी आती है।
डिप्रेशन बीमारी के लक्षण
. रात में नींद ठीक से नहीं आना और सुबह जल्दी उठ जाना
. दिन में बॉडी सुस्त रहती है।
. खाने का मन नहीं होना
. बॉडी में दर्द होना
. रोने का मन करना या जल्द गुस्सा
. आत्मविश्वास में कमी होना आदि
बचने के उपाय
. हमेशा सकारात्म सोच रखें
. मानसिक स्वास्थ्य के लिए जरुरी व्यायाम करें
. रोजाना एक घंटे दौड़े
. डाइट में बदलाव करें
. विटमिन्स व मिनरल युक्त पौष्टिक भोजन व फल का सेवन करें।
. अगर मन में कोई चिंता हो तो उसे दोस्तों से सांझा करें।