मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 4 सितम्बर: डीएलएफ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन द्वारा आयोजित दूसरी छोटी मीटिंग में औद्योगिक प्रतिनिधियों द्वारा विभिन्न समस्याओं पर कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल तथा केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर द्वारा डीएलएफ औद्योगिक क्षेत्र के विकास एवं इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार हेतु 23.69 करोड़ रूपये की फंडिंग का आभार व्यक्त करते विश्वास व्यक्त किया गया कि इससे डीएलएफ औद्योगिक क्षेत्र के फेस-1, फेस-2 और न्यू डीएलएफ सैक्टर-32 की समस्याओं का समाधान निश्चित रूप से हो सकेगा।
डीएलएफ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के जे.पी. मल्होत्रा ने बताया कि इस फंड से सड़क, सीवरेज, जलापूर्ति, रेन वाटर ड्रेन, प्रकाश व्यवस्था और सीईटीपी जिसके लिए पृथक रूप से 26.30 करोड़ रूपये की अतिरिक्त राशि निर्धारित की गई है, का लाभ डीएलएफ के उद्योग प्रबंधकों सहित सभी वर्गों को मिलेगा।
श्री मल्होत्रा ने विश्वास व्यक्त किया कि सरकार का यह कदम ईज ऑफ डुईंग बिजनेस की ओर एक प्रभावी पग सिद्ध होगा और इससे वर्षों से चली आ रही समस्याओं का समाधान होगा।
मीटिंग में एनएसआईसी की एजीएम सोनिया राठी ने रॉ मैटीरियल संबंधी मार्किट सर्वे व रॉ मैटीरियल की उपलब्धता के संंबंध में जहां काफी महत्वपूर्ण जानकारी उद्योग प्रबंधकों को दी वहीं सीए नागेश बजाज ने जीएसटी ऑडिट तथा अक्तूबर-2018 के ड्यूज संबंधी जानकारी दी।
एसोसिएशन के महासचिव विजय राघवन ने एमएसएमई रिडिफाईनिंग क्राईटेशन संबंधी गजट नोटिफिकेशन का मुद्दा उठाया।
श्री राम अग्रवाल ने डीएलएफ क्षेत्र में सम्पर्क सड़कों की दुर्दशा तथा जल निकासी के लिए ठोस पग उठाने की मांग की। इसके साथ-साथ बैठक में उपस्थित लोगों ने जलापूर्ति, रैनीवेल बूस्टर के संबंध में भी मुद्दा उठाया। सदस्यों ने निर्णय लिया कि जिन सड़कों पर अतिक्रमण हुआ है उनको खाली कराया जाएगा और ग्रीन बैल्ट को विकसित किया जाएगा।
टैप डीसी की सीईओ सुश्री चारू स्मिता ने सदस्यों की बैठक व कार्यक्रमों के लिये टैप डीसी कांफ्रैंस हाल के भविष्य में प्रयोग करने का आमंत्रण देते कहा कि टैप डीसी क्षेत्र के हित में उद्योग प्रबंधकों के साथ मिलकर कार्य करेगी।
उद्योग प्रबंधक एम.पी. रूंगटा ने छोटी मीटिंग की सराहना करते कहा कि इसके लिये श्री मल्होत्रा निश्चित रूप से सराहना के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि इससे परस्पर विचारों का आदान-प्रदान तो होता ही है, साथ ही समस्याओं के समाधान हेतु मिलजुल कर आगे बढऩे का मार्ग प्रशस्त होता है।
धन्यवाद प्रस्ताव जे.सी. अहलावत ने प्रस्तुत किया जबकि मीटिंग में 37 सदस्यों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।