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निगम सदन की बैठक हंगामेदार की बजाए आर-पार की कैसे होगी? जानिए!

मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 20 नवंबर: नगर निगम फरीदाबाद के चुनावों के बाद सदन को गठित हुए आज कई महीनों का समय बीत चुका है लेकिन सदन की आज तक तीन ही बैठक हो पाई है। अंतिम तीसरी बैठक हुई थी 26 जून को। यानि उस बैठक को हुए आज पूरे 4 महीने 25 दिन हो चुके हैं लेकिन सदन की चौथी बैठक आज तक भी नहीं हो पाई है। वैसे तो सदन की बैठक के लिए फिलहाल वीरवार, 22 नवम्बर का दिन निधार्रित हो चुका है लेकिन जब तक यह बैठक हो नहीं जाती तब तक कुछ कहा नही जा सकता कि बैठक होगी भी या नही। कारण है, इससे पहले भी एक बार 26 अक्टूबर को निगम सदन की बैठक निधार्रित हुई थी जोकि बाद में कैंसिल कर दी गई थी। अब देखना यह है कि 22 नवंबर को निगम की बैठक हो पाती है या नहीं।
अब बात करें हम निगम सदन की बैठक की तो बकौल पार्षद दीपक चौधरी इस बार की बैठक हंगामेदार नही होगी बल्कि आर-पार की होगी। कारण है निगम पार्षदों के वार्डों में विकास कार्य को ना होना, फाईलों पर ऑब्जेक्शन लगना, अधिकारियों का भ्रष्ट्राचार में लिप्त होना तथा पार्षदों की इच्छा के बावजूद भी निगम सलाहकार आरके गर्ग को ना हटाना आदि-आदि।
निगम सदन के तेजतर्रार पार्षद दीपक चौधरी का कहना था कि जितना भ्रष्ट्राचार इस भाजपा सरकार में देखने को मिल रहा है उतना कभी देखने को नहीं मिला। इस सरकार में अधिकारियों की पूरी मौज आ रही है चाहे वह छोटा अधिकारी हो या बड़ा। दीपक ने एक उदाहरण देते हुए बताया कि बल्लभगढ़ जोन के अंर्तगत वार्ड नम्बर-38, 39 व 40 में सीवरों की सफाई के लिए दो करोड़ 62 लाख को ठेका प्रवीण निजामन नामक ठेकेदार को दिया गया था। इस काम की पेमेंट भी सीएम एनाऊंसमेंट से की जा चुकी है जोकि स्थानीय विधायक की अनुशंसा पर होती है। अब दोबारा से इन्हीं तीनों वार्डों का ठेका फिर से उसी ठेकेदार को एक करोड़ 60 लाख में दे दिया। सीवर लाईन के इस ठेके में से भ्रष्ट्राचार की बू आ रही है, इसलिए वो इस मामले को 22 नवंबर को होने जा रही सदन की बैठक में जोर-शोर से उठांएगे।
इसके अलावा दीपक चौधरी सदन में उस बैठक के बारे में भी सवाल करेंगे जोकि मेयर सुमनबाला ने चुपचाप अपने कैम्प ऑफिस में बुलाई थी और वहां कुछ पार्षदों से हस्ताक्षर करवा लिए थे। बकौल दीपक निगम क्षेत्र में ना तो विकास कार्य हो रहे हैं और ना ही सदन की बैठक हो पा रही है। इसके चलते वार्ड के लोगों को जवाब देना मुश्किल हो रहा है।
कुल मिलाकर अब सबकी नजर 22 नवम्बर को होने जा रही सदन की बैठक पर है जिसमें पार्षदों और अधिकारियों में जमकर सवाल-जवाब होंगे।


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