– अभिभावकों को तोहफा, अब एनसीपीसीआर के दायरे में आएंगे प्रदेश के सभी प्राइवेट प्ले स्कूल
– नियमों पर खरा नहीं उतरने पर होगी कार्रवाई, हर साल मान्यता होगी रिन्यू, बच्चों की फीस भी
– स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन ने उच्च न्यायालय में शपथ पत्र देकर की थी हरियाणा में गाइडलाइन जारी करने की मांग
मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
चंडीगढ़, 21 नवंबर: अब हरियाणा के सभी जिलों में चल रहे प्राइवेट प्ले स्कूल एनसीपीसीआर (नेशनल कमीशन प्रोटेक्शन चाइल्ड) के दायरे में आएंगे। इतना ही नहीं प्राइवेट प्ले स्कूलों की हर साल मान्यता भी रिन्यू होगी और इनमें दाखिल बच्चों की फीस भी सरकार द्वारा निर्धारित की जाएगी। सबसे अह्म बात तो यह भी है कि नियमों पर खरा नहीं उतरने वाले प्ले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई भी होगी। महिला बाल विकास विभाग की निदेशक ने प्रदेश के सभी जिला कार्यक्रम अधिकारियों को पत्र जारी कर प्राइवेट प्ले स्कूल संचालन सम्बंधी सख्त आदेश दिए हैं। अब तक हरियाणा में प्ले स्कूलों को लेकर कोई निर्धारित मापदंड या पॉलिसी लागू नहीं थी। इसी का फायदा उठाकर फर्जी स्कूलों ने प्ले स्कूलों की आड़ लेकर खुद की खाल बचाने की जुगत भिड़ाई थी, मगर अब हरियाणा में केन्द्र की तर्ज पर एनसीपीसीआर की गाइडलाइन लागू कर दी गई है, जिससे हजारों फर्जी प्ले स्कूलों पर तालाबंदी के आसान नजर आने लगे हैं।
गरीब बच्चों की शिक्षा एवं स्वास्थ्य की दिशा में अग्रणी भूमिका निभा रहे स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार व प्रदेश महामंत्री भारत भूषण बंसल, पंचकूला के जिला अध्यक्ष सलाउद्दीन द्वारा माननीय पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में शपथ पत्र देकर प्राइवेट प्ले स्कूलों के संबंध में गाइडलाइन जारी कर पॉलिसी लागू किए जाने की मांग की थी। इसी मामले में न्यायालय ने हरियाणा सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए बच्चों की सुरक्षा के मददेनजर प्ले स्कूलों के लिए गाइडलाइन सम्बंधी जवाब तलब भी किया गया था। इसी मामले में अब हरियाणा सरकार ने प्राइवेट प्ले स्कूलों के संचालन संबंधी गाइड लाइन जारी कर दी हैं।
स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार ने बताया कि लम्बे समय से उनका संगठन प्ले स्कूलों की आड़ में व्यवसाय करने वालों के खिलाफ शिकंजा कसने की कानूनी प्रक्रिया को अपनाता आ रहा था। अब जाकर हरियाणा में भी प्राइवेट प्ले स्कूलों के लिए मापदंड तय किए गए हैं। अगर नियमों पर खरा नहीं उतरने वाले प्ले स्कूलों का संचालन कोई करता है तो उसके खिलाफ भी संगठन कड़ी कार्रवाई के लिए आगे आएगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा में फर्जी स्कूलों ने प्ले स्कूलों की आड़ लेकर न्यायालय एवं सरकार को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है। अब ऐसे स्कूल संचालक भी बेनकाब हो जाएंगे, जिन पर कार्रवाई होना लगभग तय है।
प्ले स्कूल संचालन से पहले मान्यता के लिए करना होगा आवेदन:सुनीता यादव
महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी सुनीता यादव ने बताया कि उनके पास हरियाणा सरकार की तरफ से जारी की कई प्ले स्कूलों की गाइडलाइन एवं पॉलिसी पहुंच चुकी है। कोई भी प्ले स्कूल संचालन करने से पहले जिला कार्यक्रम अधिकारी के समक्ष आवेदन करना होगा और इसके बाद संबंधित सीडीपीओ के साथ निरीक्षण किया जाएगा और उन्हें एक साल के लिए संचालन का अधिकार दिया जाएगा। हर साल इन स्कूलों की नए सिरे से मान्यता रिन्यू करानी अनिवार्य है। फिलहाल विभाग पॉलिसी का अध्ययन कर इस दिशा में ठोस कदम उठाने जा रहा है।
प्राइवेट प्ले स्कूलों के लिए मुख्य तौर पर ये जारी की गई हैं गाइडलाइन:-
1. प्ले स्कूलों की हर साल मान्यता रिन्यू अनिवार्य की गई है।
2.अगर कोई प्ले स्कूल बंद करता है तो इसकी अनुमति भी विभाग से लेनी होगी।
3. प्ले स्कूल नियमों पर खरा नहीं उतरता तो उसे तुरंत बंद करा दिया जाएगा।
4. प्ले स्कूलों की लिस्ट विभाग द्वारा जिला वार डिस्पले बोर्ड पर लगानी होगीए जो बंद हुए हैं उनकी सूची भी लगानी होगी।
5. बच्चों की फीस हर साल सरकार द्वारा निर्धारित की जाएगीए कोई भी मनमानी फीस नहीं वसूल सकेगा।
6. पेरेंट्स टीचर एसोसिएशन का भी गठन अनिवार्य हैए जो स्कूल का समय समय पर निरीक्षण भी करेगी।
7. तीन या चार घंटे से ज्यादा कक्षाओं का संचालन नहीं किया जाएगा।
8. एक क्लास में 20 बच्चों पर एक टीचर व एक केयर टेकर अनिवार्य है।
9. बच्चों के लिए रेस्ट रूमए दिव्यांग बच्चों के लिए शौचालयए लड?े व लड़कियों के लिए अलग शौचालय बनाने होंगे।
10. प्ले स्कूल में बच्चों की खेलकूद गतिविधियों के लिए प्ले ग्राउंड व पूरे परिसर में सीसीटीवी अनिवार्य है।
11. बच्चों के लिए सुरक्षित भवन के अलावा फायर सेफ्टी प्रबंध जरूरी हैं। भवन परिसर में समय समय पर दवा छिड?ाव जरूरी।
12. स्कूल के अंदर लाइब्रेरी अनिवार्य हैएजिसमें आडियो विडियो सुविधा जरूरी है।
13. प्ले स्कूलों में बच्चों के साथ साथ स्टाफ का भी समुचित रिकार्ड अपडेट होना अनिवार्य है।
14. प्ले स्कूल संचालक या प्राचार्य पर जेजे एक्ट या पोस्को एक्ट के अलावा कोई भी आपराधिक केस दर्ज ना हो।
15. प्ले स्कूल में तीन वर्ष से कम व छह वर्ष से अधिक आयु के बच्चे नहीं पढ़ाए जाएंगे।
16. प्ले स्कूलों की मान्यता के लिए कम से कम दो अधिकारियों की कमेटी निरीक्षण करेगी और ब्लाक स्तर के अधिकारी शामिल होंगे।