मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 26 अप्रैल: अभिभावक एकता मंच ने कहा है कि हुडा विभाग के नियमों का उल्लंघन करने के आरोप सही पाए जाने पर रिज्यूम किए गए डीपीएस सेक्टर-19 ने शिक्षा सत्र 2019-20 के लिए अगस्त-2018 में किए गए नर्सरी दाखिले में एडवांस के रूप ली गई फीस से ही करोड़ों रुपए कमाए हैं, जबकि स्कूल की ऑडिट रिपोर्ट में लाभ के रूप में काफी पैसा सरप्लस के रूप में दिखाया गया है।
मंच के जिला अध्यक्ष एडवोकेट शिव कुमार जोशी व सचिव डा० मनोज शर्मा ने बताया कि इस स्कूल ने शिक्षा सत्र 2019-20 के लिए नर्सरी कक्षा के दाखिले अगस्त-2018 में किये थे। इस स्कूल में नसर्री के 7 सैक्शन है जिसमें 35 छात्र प्रति सैक्शन के हिसाब से 245 बच्चों का दाखिला किया गया। प्रति बच्चे की वार्षिक फीस 1,94,000 रूपये निश्चित की गई जिसे 4 किश्तों में अभिभावकों को जमा करने के लिये कहा गया है।
पहली किश्त के रूप में 95,000 रूपये, अगस्त-2018 में लिये गये। इस प्रकार शिक्षा सत्र शुरू होने से 7 महीने पहले 245 बच्चों से 95,000 रूपये के हिसाब से 23,27,500 रूपये एडवांस के रूप में लिये गये जिस पर बैंक के ब्याज के रूप में लगभग 5,48,000 रूपये कमाए। ब्याज की रकम ही इन 7 सैक्शन को पढ़ाने वाले अध्यापकों की सैलेरी से भी ज्यादा बैठती है। इतना ही नहीं 245 सीटों के लिए लगभग 500 दाखिला फॉर्म 300 रूपये में बेचे गये। इस पर ही 1,50,000 रूपये कमा लिये गये।
मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने बताया कि शिक्षा नियमावली का नियम यह है कि स्कूल दाखिला फार्म सिर्फ 5 से 10 में बेचें। इसके अलावा स्कूल प्रबंधक दाखिला अगर एडवांस में 5-6 महीने पहले करते है तो चयनित बच्चे के अभिभावक से दाखिले के रूप में टोकन रजिस्ट्रेशन फीस सिर्फ 500 रूपये लेकर सीट रिजर्व कर सकते है। सीबीएसई व शिक्षा नियमावली का यह भी नियम है कि स्कूल प्रबंधक कोषन मनी व वार्षिक शुल्क नहीं ले सकते, लेकिन इस स्कूल ने यह दोनों फंड स्कूल प्रबंधकों से लिये है जो कि पूरी तरह से नियम विरूद्व है। स्कूल प्रबंधक फीस एडवांस में लेते है लेकिन जो अभिभावक निर्धारित अवधि के बाद फीस जमा कराता है तो उससे 100 रूपये प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना लेते है।
मंच का कहना है कि ऐसी ही हालात सभी स्कूलों में बनी हुई है। मंच ने अभिभावकों से कहा है कि वे पिछले 3 साल की नये दाखिलों व पुराने छात्रों से ली गई फीस की रसीद मंच के पास जमा कराए जिससे दोषी स्कूलों के खिलाफ लीगल कार्यवाही की जाये।
मंच ने चेयरमैन सीबीएससी, अतिरिक्त मुख्य सचिव शिक्षा व चेयरमैन एफएफआरसी को पत्र लिखकर स्कूलों की इस मनमानी की शिकायत की है और दोषी स्कूलों के खिलाफ उचित कार्यवाही की मांग की है।