Metro Plus से Naveen Gupta की रिपोर्ट
Faridabad News, 11 दिसम्बर: बीते मंगलवार को दिल्ली में संसद का घेराव करते समय भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन और बाकी छात्रों पर हुई बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज का विरोध करते हुए एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का पुतला फूंक कर विरोध व्यक्त किया। इस प्रदर्शन का नेतृत्व एनएसयूआई हरियाणा के प्रदेश महासचिव कृष्ण अत्री ने किया।
इस दौरान एनएसयूआई हरियाणा के प्रदेश महासचिव कृष्ण अत्री ने एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन पर हुए लाठीचार्ज की निंदा करते हुए कहा कि केंद्र की छात्र एवं युवा विरोधी नीतियों के खिलाफ एनएसयूआई द्वारा छात्र अधिकार रैली का आयोजन किया गया था। जिसमें बढ़ती हुई फीस, शिक्षा के निजीकरण और बेरोजगारी के खिलाफ आवाज उठाई जा रही थी। इस रैली में पूरे देशभर से छात्रों ने आकर हिस्सा लिया था। इस रैली के बाद छात्रों ने एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन के नेतृत्व में संसद भवन की तरफ शांतिपूर्ण ढंग से कूंच किया लेकिन दिल्ली पुलिस और सीआरपीएफ को पहले से देश के गृह मंत्री की तरफ से छात्रों पर लाठीचार्ज करने का आदेश था। दिल्ली पुलिस और सीआरपीएफ ने एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष और छात्रों पर जमकर लाठियां बरसाई और तो और ठोकरों से भी मारा तथा लाठीचार्ज करने के बाद नीरज कुंदन और उनके साथ सैंकडो छात्रों को उठाकर पार्लियामेंट स्ट्रीट थाने में लेजाकर गिरफ्तार कर लिया।
इस मौके पर कृष्ण अत्री ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा के शासन में आने के बाद से ही युवा एवं छात्र विरोधी फैसले लिए जा रहे है और जब-जब कोई भाजपा के छात्र एवं युवा विरोधी फैसलों का विरोध करता है तो उस पर बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज करके जेल में डाल दिया जाता है। उन्होनें कहा कि छात्र अधिकारो की लड़ाई लडऩा कोई जुर्म नही है और अगर भाजपा की नजर में ये जुर्म है तो एनएसयूआई पूरे देशभर ये जुर्म बार-बार करती नजर आएगी। लेकिन इस गूंगी बहरी भाजपा सरकार से फीस वृद्धि, शिक्षा के निजीकरण और बेरोजगारी पर लगातार सवाल पूछती रहेगी और वो दिन दूर नही जब देश के कोने-कोने में भाजपा सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किए जायेंगे।
इस मौके पर नितिन यादव, अनुज वशिष्ठ, आरिफ खान, यश भारद्वाज, साहिल खान, मोनू, शैफली, तुषार, मुस्तफा, सागर, माजिद खान, यश, विन्नू, अब्दुल, सोनू, अरूण, हरिओम आदि मौजूद थे।