मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट।
चंडीगढ़, 15 नवंबर: हरियाणा की वरिष्ठ नेता और पुडुचेरी के पूर्व उप-राज्यपाल चंद्रावती का आज सुबह निधन हो गया। वह 92 वर्ष की थी और पिछले कुछ समय से बीमार चल रही थी। उन्होंने चरखी दादरी में अपने आवास पर अंतिम सांस ली। उनके निधन से क्षेत्र में शोक का माहौल है। उनके निधन की जानकारी मिलते ही काफी संख्या में लोग उनके आवास पर पहुंचने लगे।
काबिलेगौर रहे कि 70 के दशक में जनता पार्टी की ओर से भिवानी संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ते हुए चरखी दादरी के गांव डालावास की चंद्रावती ने प्रदेश के कद्दावर नेता और पूर्व सीएम बंसीलाल को करारी शिकस्त देते हुए हरियाणा की पहली महिला सांसद बनने का गौरव प्राप्त किया था। 1977 में जब राजनीति में महिलाओं की भागीदारी न के बराबर थी उस समय में चरखी दादरी की चंद्रावती ने भिवानी लोकसभा क्षेत्र के पहले चुनाव में 67.62% वोट लेकर जीत का जो रिकॉर्ड बनाया था वह आज तक तोड़ा नहीं जा सका है।
चंद्रावती ने अपने जीवन में 14 चुनाव लड़े और संसदीय सचिव, विधायक, एमपी, राज्यपाल जैसे अहम पदों की शोभा बढ़ाई, लेकिन मुख्यमंत्री न बन पाने की टीस उनके मन में हमेशा बनी रही। हालांकि चंद्रावती का मानना था कि बीते दशकों के दौर में राजनीति स्वच्छ वह स्पष्टवादीता थी अब के दौर में राजनीति सिर्फ भ्रष्टाचार, वंशवाद, स्वार्थ की राजनीति रह गई है।
सफरनामा:-
~ भिवानी से हरियाणा की पहली महिला सांसद रही (1977)
~ हरियाणा विधानसभा की पहली महिला विधायिका रही
~ हरियाणा की पहली महिला अधिवक्ता बनी थी।
~ दो बार (1964-66, 1972-74) मंत्री रही।
~ 1982-85 विपक्ष की नेता रही।
~ फ़रवरी 1990 से दिसम्बर 1990 तक पांडेचेरी की उप-राज्यपाल रही।
~ 1977-79 जनता पार्टी की अध्यक्ष रही।