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शिक्षा विभाग के आदेश: निजी स्कूलों की मान्यता वापस लेने की होगी कार्रवाई, जाने क्यों?

RTI की सूचना देने अब नहीं चलेगा प्राइवेट स्कूलों का निजी संस्था का बहाना
मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
चंडीगढ़/भिवानी/फरीदाबाद, 7 सितंबर
: अब प्रदेशभर के निजी स्कूल आरटीआई की मांगी गई सूचनाओं का जवाब देने में कोई बहानेबाजी नहीं कर पाएंगे, क्योंकि हरियाणा सेकेंडरी शिक्षा निदेशालय ने राज्य सूचना आयोग के आदेशानुसार शिक्षा अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं। सेकेंडरी शिक्षा निदेशक ने पत्र जारी कर स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि कोई भी निजी स्कूल अब प्राइवेट संस्था की दलील देकर RTI की सूचना का जवाब देने से इंकार नहीं कर सकता है। ऐसे निजी विद्यालयों की निर्धारित अवधि में RTI की सूचना नहीं देने पर मान्यता वापस लेने संबंधी सोकाज नोटिस जारी कर दिया जाएगा।
स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि संगठन के पंचकूला में सदस्य मनीष बांगड़ ने राज्य सूचना आयोग के समक्ष शिकायत दी थी। शिकायत में पंचकूला और पानीपत के निजी स्कूलों द्वारा आरटीआई की मांगी गई सूचना का जवाब नहीं दिए जाने संबंधी तथ्य रखे गए थे। इस पर राज्य सूचना आयोग ने कड़ा संज्ञान लेते हुए सेकेंडरी शिक्षा निदेशालय को सख्त आदेश दिए। इसके बाद हरियाणा सेकेंडरी शिक्षा निदेशक ने पंचकूला और पानीपत के जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर निर्देश दिए हैं कि सूचना आयोग के अनुसार RTI कार्यकर्ता को 15 दिन की निर्धारित अवधि में सूचना उपलब्ध कराएं।
निदेशक ने पत्र में यह भी स्पष्ट किया है कि आयोग ने निजी स्कूलों की इस दलील को भी खारिज कर दिया है कि स्कूल प्राइवेट संस्था है। सूचना उपलब्ध नहीं कराने वाले निजी विद्यालयों की मान्यता वापस लेने संबंधी कारण बताओ नोटिस दिया जाएगा। बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि प्रदेश के अधिकतर स्कूल निजी स्कूलों को प्राइवेट संस्था का बहाना बनाकर सूचना नहीं दे रहे हैं, ऐसे विद्यालयों को भी आयोग के इस आदेश से सबक मिलेगा और प्रदेश के सभी निजी स्कूलों को समय पर सूचना देने के लिए बाध्य होंगे। सूचना आयोग के आदेश सभी निजी स्कूलों पर लागू होंगे।

प्राइवेट स्कूलों को देनी होगी आरटीआई से मांगी गई सूचना, मना करने पर रद्द हो सकती है मान्यता!
राज्य सूचना आयोग (SIC) ने अपने एक आदेश में कहा है कि प्राइवेट स्कूल RTI के तहत मांगी गई सूचना देने से मना नहीं कर सकते हैं। SIC के इस आदेश की पालना में विद्यालय शिक्षा निदेशालय पंचकूला ने 3 सितंबर को सभी जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र भेजकर कहा है कि राज्य सूचना आयोग ने प्राइवेट स्कूलों की इस दलील कि वे प्राइवेट संस्था है अत: सूचना देने के लिए बाध्य नहीं हैं, को खारिज कर दिया है। अत: RTI के द्वारा प्राइवेट स्कूलों के बारे में मांगी गई सूचना व जानकारी प्राइवेट स्कूलों से उपलब्ध करके आवेदक को दी जाए। जो स्कूल सूचना देने में आनाकानी करें या मना करें तो शिक्षा निदेशालय के आदेशों को न मानने के कारण स्कूल की मान्यता वापस लेने बारे Show Cause Notice जारी कर दिया जाए।
मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा व ऑल इंडिया पेरेंट्स एसोसिएशन आईपा के जिला अध्यक्ष एडवोकेट बीएस विरदी ने कहा है कि केंद्रीय सूचना आयोग, उच्चतम न्यायालय व पंजाब एंड हरियाणा उच्च न्यायालय भी इस बारे में कई बार आदेश जारी कर चुका है, उसके बावजूद जिला शिक्षा अधिकारी प्राइवेट स्कूलों से RTI के तहत मांगी गई जानकारी मांगने में अपने आपको असमर्थ व असहाय मानता है।
मंच का कहना है कि आम जनता की सुख सुविधा के लिए बनाए गए पार्क व ग्रीन बेल्ट की सरकारी जमीन को हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण हुडा विभाग ने प्राइवेट स्कूल संचालकों को कौडिय़ों के भाव बहुत ही रियायती दर पर 99 के साल के पट्टे पर स्कूल खोलने के लिए दे दिया है। पूरे हरियाणा में 300 से ज्यादा और फरीदाबाद में 60 से ज्यादा ऐसे प्राइवेट स्कूल हैं जो हुडा की जमीन पर बने हैं और वे ही सबसे ज्यादा शिक्षा का व्यवसायीकरण कर रहे हैं। सरकार से सस्ती और रियायती दर पर जमीन प्राप्त करके स्कूल खोलने वाले संचालक तो किसी भी हालात में आरटीआई के तहत मांगी गई सूचना और जानकारी देने से मना कर ही नहीं सकते हैं।
मंच ने जिला शिक्षा अधिकारी फरीदाबाद से कहा है कि शिक्षा निदेशालय पंचकूला से आए इस आदेश का पूरी तरह से पालन करें।


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