मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की रिपोर्ट
फरीदाबाद, 27 जनवरी: डीएलएफ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने वर्तमान परिवेश में टैक्सटाईल व प्रोसैसिंग यूनिटों के तहत आ रही समस्याओं के मद्देनजर फरीदाबाद, गुडग़ांव व सोहना की टैक्सटाईल इंडस्ट्रीज के लिए टैक्सटाइल पार्क विकसित करने की मांग की है। डीएलएफ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रधान जेपी मल्हात्रा के अनुसार टैक्सटाइल प्रोसैसिंग, प्रिंटिंग व डाईंग यूनिट्स के समक्ष समस्याएं बढ़ी हुई हैं और प्रदूषण संबंधी मानको से लेकर वाटर ट्रीटमैंट और अब पीएनजी संबंधी आदेशों से यह सैक्टर और अधिक चुनौतियों के दौर से गुजर रहा है।
डीएलएफ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के सर्वें के अनुसार यहां 200 से अधिक ईकाईयां टैक्सटाइल प्रोसैसिंग, प्रिंटिंग और डाईंग से जुडी है और औसत 250 से 300 श्रमिकों को रोजगार दिये हुए हैं। प्रति यूनिट लगभग 450 से 500 किलोवाट पावर यूनिट का उपयोग करती हैं जबकि जल खपत प्रति यूनिट दो लाख लीटर के लगभग है।
वहीं प्रमोद अग्रवाल के अनुसार उक्त आंकड़ों के अनुरूप जब स्टेक होल्डर से बात की गई तो यह तथ्य सामने आया कि एक विशेष टैक्सटाइल पार्क जोकि 300 एकड़ या उससे अधिक क्षेत्र में विकसित हो तो फरीदाबाद, गुडगांव व सोहना के उद्यमियों को राहत मिल सकती है।
सर्वश्री एसके बत्तरा, सतेंद्र चौहान, भूपिन्द्र पाल सिंह, दीपक पंडोई, एसके लूथरा, बलदेव आहुजा के अनुसार टैक्सटाईल से संबंधित यूनिटों को इस टैक्सटाइल पार्क में स्थानांतरित किया जा सकता है जहां सभी मानकों की पालना भी इसलिये आसानी से हो जाएगी क्योंकि वहां एक बड़ा कलस्टर बन जाएगा। कहा गया है कि इससे जहां लागत में भी कमी आएगी वहीं कई समस्याओं का समाधान भी हो सकता है।
श्री मल्होत्रा ने बताया कि इस संबंध में एसोसिएशन ने एचएसआईआईडीसी व अन्य संबंधित विभागों को पत्र लिख टैक्सटाइल पार्क की उपयोगिता के संबंध में जहां बताया है वहीं उनसे 250 से 300 एकड़ में ऐसे पार्क विकसित करने की मांग भी की गई है। श्री मल्होत्रा ने प्रदेश सरकार से भी आग्रह किया है कि वह इस संबंध में साकारात्मक निर्णय ले। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर व उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला इस संबंध में रूझान लेकर टैक्सटाइल पार्क को विकसित करने की मांग को साकार रूप देंगे।
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