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बिजली अधिकारियों की दलीलों और मुख्यमंत्री की दरियादिली से देखो कैसे हुआ लोगों की शिकायतों का समाधान?

मैट्रो प्लस से नवीन गुप्ता की स्पेशल रिपोर्ट।
फरीदाबाद, 17 अक्टूबर:
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के जन संवाद यानि जनता दरबार के दौरान दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (DHBVN) के अधिकारियों की सांस तब तक अटकी रहीं, जब तक कि उनके विभाग की समस्याओं की सुनवाई पूरी नहीं हो गई। हालांकि इस जनता दरबार में आई समस्याओं की सुनवाई के दौरान एकाध बार मुख्यमंत्री गर्म-मिजाज में नजर आए लेकिन जिस तरह से DHBVN के SE ऑपरेशन नरेश कक्कड़ ने अपने अधिकारियों की टीम के साथ मुख्यमंत्री के सवालों का तर्क सहित जवाब दिया, उससे मुख्यमंत्री संतुष्ट नजर आए।
बता दें कि रविवार 16 अक्टूबर के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के जन संवाद कार्यक्रम में जिला प्रशासन के सामने जो 432 शिकायतें आई थीं, उनमें से बिजली विभाग से संबंधित कुल 16 शिकायतें थी। इन सभी 16 शिकायतों को मुख्यमंत्री ने स्वयं सुना और कई शिकायतों पर तो उन्होंने ऐसे फैसले लिए जिस पर हॉल में जमकर तालियां बजी। वहीं DHBVN के SE ऑपरेशन नरेश कक्कड़ ने भी एक-एक करके संबंधित समस्याओं पर चल रही कार्यवाही से मुख्यमंत्री को टेक्नीकल तरीके से अवगत कराते हुए उनके हर सवाल का बखूबी जवाब दिया।
मुख्यमंत्री के सामने बिजली निगम से संबंधित जो 16 शिकायतें आई थी, उनमें से 5 शिकायतें तो बिजली के इलेक्ट्रिक इंफास्ट्रक्चर और सप्लाई को लेकर थी जोकि क्रमश: अजय कुमार झा, राजन सिक्का, सुमन भाटिया, देवेन्द्र और सुभाष व अमरेन्द्र वगैरह की थी। इनमें से कांवरा इंडस्ट्रियल एरिया में बिजली सप्लाई को लेकर, ट्रांसफार्मर और उसकी फैंसिंग, 11केवी ही हाईटेंशन तार को कवर करने बदलने से संबंधित शिकायतें थी जिनको लेकर एसई ऑपरेशन नरेश कक्कड़ ने मुख्यमंत्री को बताया कि उपरोक्त सभी समस्याओं पर काम तेजी से चल रहा है, जिस पर मुख्यमंत्री संतुष्ट नजर आए।
इसके अलावा चार शिकायतें बिल्डरों से संबंधित थी। इनमें से सुरेन्द्र कुमार की शिकायत में कहा गया कि पुरी कंस्ट्रक्शन कंपनी प्रा. लिमिटेड सैक्टर-81 को इलेक्ट्रिक कार चार्जिंग के लिए बिजली मीटर लगवाने से संबंधित थी। इसमें ना तो पुरी बिल्डर द्वारा कनेक्शन दिया जा रहा था और ना ही बिजली निगम द्वारा। इस पर मुख्यमंत्री को SE ऑपरेशन नरेश कक्कड़ ने बताया कि निगम ने पुरी बिल्डर को कनेक्शन दे रखा है और वो ही शिकायतकर्ता को कनेक्शन दे सकता है, निगम नहीं। इस पर इसका हल निकाला गया कि शिकायतकर्ता निगम की रिड्रेसल सैल में जाकर उनके चेयरमैन को पुरी बिल्डर की शिकायत करेगा जहां से पुरी बिल्डर को उक्त कनेक्शन देने के आर्डर जारी होंगे और यदि तब भी पुरी बिल्डर कनेक्शन नहीं देता तो बिल्डर के खिलाफ FIR दर्ज करवाकर कनेक्शन करवाया जाएगा।
इसके अलावा मुख्यमंत्री ने एवरेज बिल आने और बिल अदायगी ना होने पर बिजली कनेक्शन काटे जाने पर एवरेज बिल देने पर बिलिंग एजेेंसी को उतरदायी बताते हुए बिल की रकम बिलिंग एजेंसी से और तीन-चार महीने का बिल शिकायतकर्ता से लेने के निर्देश दिए। वहीं मुख्यमंत्री ने एक शिकायतकर्ता जिस पर बिजली चोरी का जुर्माना था, पर दरियादिली दिखाते हुए मुख्यमंत्री राहतकोष से उसके जुर्माने की रकम को भरने तथा शिकायतकर्ता से भविष्य में बिजली चोरी ना करने का वचन लेकर मामले को खत्म किया जिस पर हॉल में जमकर तालियां बजी।
इस तरह से मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की दरियादिली औरDHBVN के SE ऑपरेशन नरेश कक्कड़ की तर्कदार दलीलों से बिजली विभाग से संबंधित सभी 16 शिकायतों का निपटारा बड़े आराम से हो गया। वहीं मुख्यमंत्री ने भी बिजली निगम की कार्यप्रणाली के प्रति अपनी संतुष्टि जाहिर की और लोगों की शिकायतों का समाधान भी हो गया।


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