Metro Plus से Naveen Gupta की खास रिपोर्ट।
Faridabad News, 11 नवंबर: विवाद हैं कि डबुआ मंडी का पीछा ही नहीं छोड़ रहे हैं। चाहे वह अवैध रूप से फड़ अलॉट होने का मामला हो या फिर आढ़तियों और मांसाखोरों के बीच का विवाद, ये मंडी हमेशा किसी ना किसी विवाद को लेकर चर्चा में रहती है। हाल-फिलहाल जो मामला है, वो है प्रदेश की सबसे बड़ी मंडी कही जाने वाली डबुआ मंडी के सुपरवाईजर देवराज के ट्रांसफर होने का। देवराज का ट्रांसफर क्यों हुआ है, यहां ये जानना बहुत जरूरी है।
बता दें कि डबुआ मंडी में एक कॉमन प्लेटफार्म है जो उन किसानों का सामान रखने के लिए बना है जो यहां अपने फल/सब्जी बेचने आते हैं। वो बात अलग हैं कि इस कॉमन प्लेटफार्म पर कुछ आढ़तियों ने क्रेट लगाकर कब्जा कर रखा हैं, यहां तक कि इस पर अपने-अपने बोर्ड तक भी लगा रखे हैं। यहीं नहीं, सुनने में तो यह भी आ रहा है कि चंद आढ़तियों ने अपनी दुकानों को तो मोटे किराए पर दिया हुआ हैं और कॉमन प्लेटफार्म पर कब्जा किए बैठे हैं और यहां प्लेटफार्म पर भी किराए पर जगह दूसरे लोगों को दे रखी है। इन बातों में कितनी सच्चाई है, ये तो आढ़ती जाने या फिर मार्किट कमेटी वाले।
लेकिन जब कॉमन प्लेटफार्म पर आढ़तियों के कब्जे का मामला मैट्रो प्लस ने उठाया तो इस पर कार्यवाही करते हुए मार्किट कमेटी ने एक आर्डर जारी कर आढ़तियों को अपने-अपने कब्जे खाली करने के लिए 6 नवंबर तक का समय दे दिया था। इन आर्डर की पुष्टि तत्कालीन मंडी सुपरवाईजर देवराज ने भी मैट्रो प्लस से की।
आढ़तियों को कॉमन प्लेटफार्म के कब्जे खाली करने के आदेश हजम नहीं हुए और बस यहीं से बात बिगड़ गई। मंडी में सक्रिय आढ़तियों की दो-दो एसोसिएशन में से एक गुट की एसोसिएशन के कुछ लोग इस मामले को लेकर संबंधित प्रशासनिक अधिकारियों से भी मिले लेकिन वहां उनकी दाल नहीं गली। हां, आढ़तियों की गुहार सुनने के बाद उन्हें अधिकारियों से इतना आश्वासन जरूर मिला कि संबंधित अधिकारी दिवाली बाद स्वयं मौके पर आएंगे तथा वहां मंडी में सक्रिय दोनों एसोसिएशन के पदाधिकारियों और मार्किट कमेटी के अधिकारियों को आमने-सामने बैठाकर कानून/नियम के मुताबिक जो सही होगा, वो फैसला करेंगे। यानि उसी दिन तय होगा कि कॉमन प्लेटफॉर्म पर आढ़तियों ने क्रेट और बोर्ड लगाकर जो कब्जे किए हुए हंै, वो कानूनन ठीक है या गैर-कानूनी? संभवत: 14 नवंबर को ये मीटिंग रखी गई है।
लेकिन ये बातें आढ़तियों को नागवार गुजरी और वो लोग बताते हैं कि अपनी गुहार लेकर कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा के दरबार में पहुंच गए। बताया जा रहा है वहां इन्होंने मंत्री महोदय को क्या पट्टी पढ़ाई की वहां से फोन होने के बाद मंडी सुपरवाईजर देवराज का ट्रांसफर फरीदाबाद से हेडक्वार्टर कर दिया गया।
आढ़ती एसोसिएशन का महासचिव पर मामला दर्ज:-
ध्यान रहे कि हाल ही में मैट्रो प्लस ने एक विडियो अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म पर प्रसारित की थी जिसमें बताया गया था कि मंडी में वीरेन्द्र शर्मा नामक एक आढ़ती द्वारा जोकि आढ़ती एसोसिएशन का महासचिव भी है, ने सरकारी जगह पर मोनू नामक एक सामान बेचने वाले युवक से भद्दी-भद्दी गालियां देकर बहसबाजी की। इस मामले में वीरेन्द्र शर्मा के खिलाफ पुलिस द्वारा मामला दर्ज किया गया है था जिसमें उन्हें अपनी जमानत करवानी पड़ी थी।
देवराज को लेकर क्या कहते हैं आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान रणवीर पहलवान?:-
इस संबंध में जब मैट्रो प्लस ने आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान रणवीर पहलवान से बात की तो उन्होंने मंत्री महोदय से मिलने की बात बताते हुए मंडी सुपरवाईजर देवराज पर आरोप लगाते हुए बताया कि देवराज इससे पहले गुरूग्राम में था जहां इनकी पूरी गुंडागर्दी थी और वो वहां मंथली लिया करते थे। यहां तक कि बाहर से लोगों को बुलाकर यहां के आढ़तियों को सेट करने की धमकी देता था। वहीं आढ़त का लाईसैंस बनवाने के लिए ऊपर के अधिकारियों के नाम पर 40-40 हजार रूपये की खुले रूप से मांगता था।
कुल मिलाकर डबुआ मंडी में बने कॉमन प्लेटफार्म पर कब्जे का मामला फिलहाल पेचीदा हुआ पड़ा है।
नोट अगली कड़ी में क्रमवार: बताएंगे मंडी के चारों गेटों पर बैरियर व कैमरे ना लगने, आढ़ती और ऑक्सन रिकार्डर के बीच घालमेल, पार्किंग आदि की कहानी!