कुकरेजा सिस्टर्स ने की किक बॉक्सिंग खेल को ओलंपिक में शामिल करने की मांग। े
Metro Plus से Naveen Gupta की खास रिपोर्ट।
Faridabad News, 20 नवंबर: जितना बड़ा सपना होगा, उतनी ही बड़ी तकलीफ होगी और जितनी बड़ी तकलीफ होगी, उतनी ही बड़ी आपकी जीत होगी। ऐसा मानना है फरीदाबाद की अंर्तराष्ट्रीय गोल्ड मेडलिस्ट किकबॉक्सर कुकरेजा सिस्टर्स मोनल और नीरल कुकरेजा का
छोटी सी उम्र में कठिन संघर्ष करते हुए अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए निरंतर प्रयासरत मोनल और नीरल कुकरेजा ने महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का दोबारा आशीर्वाद प्राप्त कर एक अनोखा रिकॉर्ड बनाया है जोकि सोच से परे है। इसी वर्ष अगस्त 2023 में मोनल व नीरल कुकरेजा को उनके स्कूल की तरफ से महामहिम राष्ट्रपति महोदया से मिलने का अवसर प्राप्त हुआ था। यह बहुत ही गर्व की बात है कि महामहिम राष्ट्रपति ने स्वयं अपने हाथ से इन दोनों अंर्तराष्ट्रीय गोल्ड मेडलिस्ट किकबॉक्सर कुकरेजा सिस्टर्स को मेडल पहनाए और आशीर्वाद दिया। उसके बाद उनकी योग्यताओं को देखते हुए परिवार सहित उनको राष्ट्रपति जी से मिलने का आमंत्रण मिला। इस पर कुकरेजा सिस्टर्स के साथ पिता दलीप कुकरेजा व माता निशा कुकरेजा साथ थे। यह सिर्फ परिवार के लिए ही नहीं, बल्कि साथ ही साथ फरीदाबाद के लिए भी गौरांवित क्षण है।
परिवार की आंखों में उस समय खुशी के आंसू छलक रहे थे जब राष्ट्रपति जी ने कहा दोनों कुकरेजा बहनें देश का गौरव है और दोनों अपने क्षेत्र में तरक्की करें जिससे परिवार व देश का नाम रोशन हो।
बता दें कि मोनल व नीरल कुकरेजा देश-विदेश में अनेकों मेडल प्राप्त कर चुकी हैं। मोनल कुकरेजा विश्व प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीत चुकी है तथा अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर सात बार लगातार स्वर्ण पदक जीतकर उसने भारत का प्रथम लहराया है, वहीं नीरल कुकरेजा ने तीन बार स्वर्ण पदक एवं एक बार रजत तथा एक बार कांस्य पदक अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर जीतकर देश, प्रांत, जिले व परिवार का नाम रोशन किया है। इन दोनों बहनों ने किक बॉक्सिंग में पिछले कई वर्षों में बड़ी से बड़ी उपलब्धि हासिल करके फरीदाबाद, हरियाणा व भारत का नाम बार-बार अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर देश व विदेश के नक्शे में रोशन किया है। दोनों बहनों को फरीदाबाद की गीता-बबीता कहकर बुलाया जाता है तथा कुकरेजा सिस्टर्स के नाम से इनकी जोड़ी मशहूर है।
मोनल कुकरेजा व नीरल कुकरेजा ने परिवार सहित सम्माननीय एवं आदरणीय राष्ट्रपति जी का बहुत-बहुत धन्यवाद किया है। उनका मानना है कि हमें लक्ष्य प्राप्त करने के वक्त सिर्फ यही सोचना चाहिए कि रास्ता मिल गया तो ठीक, नहीं तो अपना रास्ता खुद बना लेंगे। पिछले 10 वर्ष से प्रयासरत मोनल कुकरेजा तथा 5 वर्ष से प्रयासरत नीरल कुकरेजा ने किक बॉक्सिंग में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। हालांकि किकबॉक्सिंग अभी ओलंपिक गेम्स का हिस्सा नहीं बनी है और दोनों बहनों का एक लक्ष्य है कि ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतकर अपने देश का परचम लहराना। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए वे समय-समय पर सरकार से भी गुजारिश कर चुके हैं कि किक बॉक्सिंग खेल को ओलंपिक में शामिल किया जाए ताकि किक बॉक्सिंग खेल को खेलने वाले सभी खिलाडिय़ों का उत्साह बड़े तथा भविष्य सुनहरा हो।
अंर्तराष्ट्रीय गोल्ड मेडलिस्ट किकबॉक्सर कुकरेजा सिस्टर्स एक बार फिर मैट्रो प्लस के माध्यम से सरकार तक अपनी बात पहुंचाना चाहते हैं कि किक बॉक्सिंग खेल को ओलंपिक में शामिल किया जाए। इन दोनों बहनों ने इस बात को सच साबित कर दिखाया है कि बेटियां भी परिवार व देश का नाम रोशन कर रही है, भारतवासियों को दोनों बहनों पर गर्व है।