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DC विक्रम सिंह ने कहा, जनहित सरकार की प्राथमिकता इसलिए शिकायतों का निपटारा संवेदनशीलता से करें अधिकारी।

Metro Plus से Naveen Gupta की रिपोर्ट
Faridabad News 1 अगस्त:
हरियाणा सरकार के मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के सभी जिलों के उपायुक्तों के साथ समाधान शिविर, सीएम विंडो तथा एसएमजीटी पोर्टल पर लंबित शिकायतों की स्थिति की समीक्षा हेतु बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी जिला उपायुक्त अपने-अपने जिलों में समाधान शिविरों, सीएम विंडो, जन-संवाद तथा एसएमजीटी पोर्टल पर प्राप्त जन-शिकायतों का शीघ्र, पारदर्शी व संतोषजनक समाधान सुनिश्चित करें। अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया गया कि सभी विभागों के प्रतिनिधि समाधान शिविरों में दर्ज शिकायतों की प्रगति रिपोर्ट नियमित रूप से प्रस्तुत करें तथा उनकी वर्तमान स्थिति से संबंधित जानकारी समयबद्व रूप से साझा करें।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के उपरांत जिला उपायुक्त विक्रम सिंह ने अधिकारियों की बैठक में समाधान शिविर, सीएम विंडो और एसएमजीटी पोर्टल की विस्तारपूर्वक समीक्षा करते हुए अधिकारियों को कड़े निर्देश जारी किए। उन्होंने कहा कि जनहित नायब सरकार की प्राथमिकता है। ऐसे में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी द्वारा शिकायतों की नियमित समीक्षा भी की जा रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इन शिकायतों के शीघ्र निस्तारण में ढिलाई किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं की जाएगी।

डीसी विक्रम सिंह ने कहा कि सही तरीके से दर्ज और निस्तारित शिकायतें न केवल पारदर्शिता को बढ़ावा देंगी बल्कि बार-बार एक ही शिकायत के खुलने की समस्या भी कम होगी। बैठक में अनुपस्थित रहने वाले अधिकारियों के प्रति नाराजगी व्यक्त करते हुए डीसी ने कहा कि बिना पूर्व सूचना के गैर-हाजिर रहने वाले अधिकारियों के विरूद्व सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जन शिकायत निवारण प्रणाली को और अधिक उत्तरदायी, संवेदनशील और पारदर्शी बनाने के लिए सभी विभाग समन्वय के साथ कार्य करें तथा इस दायित्व को सर्वोच्च प्राथमिकता दें।

डीसी ने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी स्वयं समाधान शिविर, सीएम विंडो और एसएमजीटी पोर्टल के माध्यम से दर्ज शिकायतों की निगरानी कर रहे हैं और मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जिला स्तर तक मामलों की समीक्षा की जा रही है। उन्होंने कहा कि शिकायतों के समाधान में केवल कानूनी या प्रशासनिक दृष्टिकोण पर्याप्त नहीं बल्कि मानवीय संवेदनशीलता और व्यवहारिक सोच भी उतनी ही जरूरी है। उन्होंने कहा कि आमजन की शिकायतों का समाधान प्रशासन की कार्यशैली का प्रतिबिंब होता है। यदि प्रशासन नागरिकों को पारदर्शी, त्वरित और संतोषजनक समाधान देने में सफल होता है तो इससे जनता का विश्वास बढ़ता है और प्रशासनिक व्यवस्था मजबूत होती है।

बैठक में सीईओ जिला परिषद शिखा, एसडीएम बडख़ल त्रिलोक चंद, एसडीएम फरीदाबाद अमित कुमार, एसडीएम मयंक भारद्वाज, डीसीपी उषा कुंडू, सीएमओ डॉ. जयंत आहूजा, सीटीएम अंकित कुमार, एसीपी जितेश मल्होत्रा, एक्सईएन डीएचबीवीएन उर्मिला सिंह सहित अन्य सभी सम्बंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।


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