MetroPlus से Naveen Gupta की रिपोर्ट।
Faridabad, 15 नवंबर: व्हाईट कॉलर टेरर मोड्यूल (आतंकियों का ग्रुप) यानि आतंक की जननी बनी धौज की अल फलाह यूनिवर्सिटी को भी लाल किला कार धमाका के आरोपी डॉ. उमर के पुलवामा वाले घर की तरह बम से उड़ाकर जमींदोज कर देना चाहिए! इस तरह की मांग देशवासियों द्वारा विभिन्न प्लेटफार्म के माध्यम से की जा रही है।
करीब 76 एकड़ में फैली इस अल फलाह यूनिवर्सिटी पर गांव की पंचायती सरकारी जमीन पर भी पूर्व सरपंचों की मिलीभगत से जबरन कब्जा कर वहां निर्माण होने की बात भी सामने आई है जिसके लिए पटवारी अब अल फलाह यूनिवर्सिटी की जमीन की नपाई कर रहे हैं।
वहीं अल फलाह यूनिवर्सिटी की जमीन को लेकर भी कुछ बातें सामने आ रही हैं कि इस यूनिवर्सिटी की जमीन की रजिस्ट्री फर्जी हैं। हालांकि मैट्रो प्लस इस बात की पुष्टि नहीं करता, लेकिन इस मामले में जिला प्रशासन को जांच कराकर सच्चाई सामने लानी चाहिए कि रजिस्ट्री फर्जी है या नहीं जैसे कि पटवारी जमीन की नपाई कर कब्जे का पता लगाने का काम कर रहे हैं।
धौज और फतेहपुर तगा से अल फलाह यूनिवर्सिटी में कार्यरत डॉ. मुज्जमिल के किराए के घरों से करीब 3000 किलो अमोनियम नाईट्रेट (विस्फोटक सामग्री) तथा अलग-अलग तरह के आतंकी हथियार मिलने और देश की विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों को भी इस अल फलाह यूनिवर्सिटी के कमरों में से कोडवर्ड लिखी कुछ ऐसी डायरियां मिलने के बाद यह तो साफ हो चुका है कि डॉक्टर के वेष में छिपे ये व्हाईट कॉलर टेरर मोड्यूल आतंकी पूरे देश में बम विस्फोट की घटनाओं को अंजाम देने वाले थे।
इसी क्रम में दिल्ली के लाल किला मैट्रो स्टेशन के गेट पर हुआ वो कार बम धमाका भी शामिल था जिसमें कि अब तक लोग मारे जा चुके हैं और 28 के करीब घायल हैं।
वहीं फरीदाबाद से बरामद हुए अमोनियम नाईट्रेट (विस्फोटक सामग्री) की जांच के दौरान उससे जम्मू के नौगाम पुलिस स्टेशन में 14 नवंबर की रात करीब 11.22 बजे हुए विस्फोट में नौ लोगों की जानें चल गई जिनमें दो पुलिसकर्मी और 3 SFL के अधिकारी शामिल थे। इन धमाकों और अमोनियम नाईट्रेट (विस्फोटक सामग्री) की बरामदगी से पूरे देश में भय का माहौल बना हुआ है, हालांकि देश की सुरक्षा एजेंसियां हर स्तर आतंक को समूल नष्ट करने में लगी हैं।
इसके अलावा व्हाईट कॉलर टेरर मोड्यूल सामने आने के बाद दिल्ली में अल फलाह यूनिवर्सिटी के खिलाफ 14 नवंबर को दो FIR दर्ज की गई हैं। इनमें पहली FIR तो नियम तोडऩे से जुड़ी हैं जबकि दूसरी FIR अल फलाह यूनिवर्सिटी द्वारा गलत तरीके से मान्यता लेने के मामले में दर्ज की गई है। दिल्ली ब्रांच की ये कार्यवाही यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC) और नेशनल एसेसमेंट एंड एक्रेडिटेशन काउंसिल (NAAC) की शिकायत के बाद हुई है। इस मामले में क्राइम ब्रांच ने ओखला स्थित अल फलाह यूनिवर्सिटी के ऑफिस में नोटिस देकर संबंधित दस्तावेज भी मांगे हैं।
देश की सुरक्षा एजेंसियां इन सारे घटनाक्रमों को गंभीरता से लेते हुए अल फलाह यूनिवर्सिटी सहित सहारनपुर, लखनऊ, जम्मू आदि से कई आतंकी डॉक्टरों को अब तक गिरफ्तार कर चुकी है।






