नौकरी बचाने के लिए जिला प्रशासन तथा निगम प्रशासन के आला अधिकारी बने बैठे है मूकदर्शक
नवीन गुप्ता
फरीदाबाद, 9 जनवरी: एक तरफ तो देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर जनता को ईमानदार सरकार देने और उन्हें भू-माफियों के चंगुल से निजात दिलाने की बात करते हैं। वहीं दूसरी तरफ उन्हीं के सरकार के मंत्री विपक्षी पार्टी के नेताओं के साथ मिलकर सरकार को राजस्व का चूना लगाने और अवैध प्लॉटिंग करने में लगे हुए हैं। ऐसा ही एक नजारा यहां राष्ट्रीय राजमार्ग पर दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) के पास देखने को मिल रहा है जहां मोदी सरकार के एक राज्यमंत्री के इशारे पर उनकी कथित पार्टनरशिप के चलते ड्यूरेबल नामक एक कंपनी के इंडस्ट्रियल प्लॉट की किलाबंदी कर उस पर धड़ाधड़ निर्माण कराया जा रहा है।
जी हां, हम बात कर रहे हैं बडख़ल मैट्रो स्टेशन के नजदीक मैट्रो पिलर न०-686 तथा 687 के बीच स्थित ड्यूरेबल नामक कंपनी की उस जमीन की जहां कि पिछले करीब एक साल से मोदी सरकार के एक राज्यमंत्री की छत्रछाया में उनकी कथित पार्टनरशिप में शहर के एक कांग्रेसी नेता तथा एक व्यवसायी द्वारा एक इंडस्ट्रियल प्लॉट की बिना चेंज ऑफ लेंड यूज (सीएलयू) कराए उसकी डिविजन कर धड़ाधड़ निर्माण कराया जा रहा है।
इस अवैध निर्माण को लेकर कार्यवाहक निगमायुक्त के आदेश पर नगर निगम के ओल्ड फरीदाबाद जोन के तोडफ़ोड़ दस्ते ने शुक्रवार को इस अवैध निर्माण की जांच पड़ताल भी की और इसकी विस्तृत रिपोर्ट निगमायुक्त को सौंपी लेकिन मात्र खानापूर्ति के लिए। ध्यान रहे कि अब से पहले भीखानापूर्ति के लिए पिछले वर्ष 26 मई, 2015 को नगर निगम के ओल्ड फरीदाबाद जोन ने उक्त प्रोपर्टी के एक पार्टनर संतोष गुप्ता को इस अवैध निर्माण को लेकर मीमो न०-337-340 के तहत नोटिस भेजा था। वो बात अलग है कि यह नोटिस मोदी सरकार के एक राज्यमंत्री के फोन के बाद ठंडे बस्ते में चला गया। परिणाम यह निकला कि उक्त इंडस्ट्रियल प्लॉट पर निर्माण आज भी पहले से तेज गति से बद्स्तूूर जारी है।
निगम सुत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक ड्यूरेबल नामक कंपनी के उक्त इंडस्ट्रियल प्लॉट का बिना चेंज ऑफ लेंड यूज (सीएलयू) कराए उसका डिविजन कर वहां धड़ाधड़ निर्माण कराया जा रहा है। निगम सुत्रों की मानें तो यहां पिछले एक साल से यह अवैध निर्माण चल रहा है जिसकी जानकारी जिला प्रशासन तथा नगर निगम प्रशासन के आला अधिकारियों भी है। उक्त स्थान पर पांच इमारतें बन रही हैं जोकि बेसमेंट सहित दो से तीन मंजिल तक बन चुकी हैं और बाकी जगह पर नींव खोदकर डीपीसी भरी हुई हैं। वहीं दूसरी तरफ इस मामले में जब निगमायुक्त आदित्य दहिया से बात की गई तो उन्होंने इस मामले में अनभिज्ञता जाहिर करते हुए इस संबंध में नगर निगम के ओल्ड फरीदाबाद जोन के संयुक्त आयुक्त से बात करने को कहा। और जब संयुक्त आयुक्त राजेश कुमार प्रजापति से इस बारे में बार-बार बात करने की कोशिश की गई तो उनसे भी बात नहीं हो सकी।
रही बात उक्त अवैध निर्माण को रोकने या यहां तोडफ़ोड़ करने की तो सारा मामला जानकारी में होने के बावजूद भी इसको आज तक किसी भी अधिकारी की हिम्मत नहीं हुई की वो उक्त अवैध निर्माण को तोडऩा तो दूर उसे बनने से रोक भी आए। हिम्मत हो भी तो कैसे, आखिर नौकरी तो उन्हें भी इन्हीं राजनेताओं की करनी है चाहे सरकार भाजपा की हो या फिर कांग्रेस पार्टी की।
गौरतलब रहे कि एक तरफ तो केन्द्र व प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार भू-माफियों के खिलाफ कार्यवाही करते हुए उन पर अपना शिकंजा कसने का दावा कर रही है। वहीं दूसरी तरफ मोदी सरकार के ही मंत्री शहर के कांग्रेसी नेताओं के साथ मिलकर स्वयं ही भू-माफिया बनकर सरकार को करोड़ों रूपये के राजस्व का चूना लगाकर अवैध रूप से प्लाटिंग करने में लगे हुए हैं।
शहर में तेज गति से हो रहे हैं अवैध निर्माण: विपुल गोयल
इस मामले को लेकर जब स्थानीय विधायक विपुल गोयल से बातचीत की गई तो उनका कहना था कि शहर में अवैध निर्माण की बाढ़ आई हुई है। ड्यूरेबल नामक कंपनी की उक्त जमीन पर बिना चेंज ऑफ लेंड यूज (सीएलयू) कराए उसकी डिविजन कर कराए जा रहे निर्माण को लेकर उनका कहना था कि यह निर्माण लखन सिंगला तथा संतोष गुप्ता द्वारा कराया जा रहा है। नेताजी के इस मामले में शामिल होने की बात को लेकर वो चुप्पी साध गए।