हरियाणा अभिभावक एकता मंच ने रिज्यूम की कार्यवाही को ठीक बताया
नवीन गुप्ता
फरीदाबाद, 3 दिसम्बर: हरियाणा अभिभावक एकता मंच ने हुडा विभाग द्वारा शहर के दो निजी स्कूलों के खिलाफ की गई रिज्यूम (प्लाट वापिस करने की कार्यवाही) को देर से उठाया गया पर सही कदम बताया है। लेकिन यह भी आशंका जाहिर की है कि पहले की तरह ही निजी स्कूलों की सशक्त लॉबी अपने राजनैतिक प्रभाव के चलते हुडा की इस कार्यवाही को अपने हित में खत्म करा न लें।
गौरतलब रहे कि हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (हुडा) ने रेयान इंटरनेशनल स्कूल सेक्टर-21 और सेक्टर-14 के डीएवी पब्लिक स्कूल नामक शहर के दो बड़े निजी स्कूलों को रिज्यूम कर लिया है। आरोप है कि इन दोनों स्कूलों ने प्लाट आवंटन के समय हुडा की तय शर्तों का उल्लंघन किया है। हुडा ने इन दोनों स्कूलों को रिज्यूम के नोटिस भी भेज दिए हैं। हुडा अधिकारियों के अनुसार दोनों स्कूलों ने आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को मुफ्त प्रवेश देने के नाम पर उन छात्रों की सूची विभाग को दी है, जिसमें संपन्न घरों के बच्चों की फीस माफ की हुई है।
मंच के जिला अध्यक्ष शिवकुमार जोशी एडवोकेट तथा जिला सचिव डॉ. मनोज शर्मा ने बताया है कि 8 साल पहले भी हुडा के नियमों के उल्लंघन पर 18 स्कूलों का भूमि आवंटन रद्द करके उन्हें रिज्यूम किया गया था। लेकिन स्कूल प्रबंधकों ने राजनैतिक दबाव डलवाकर अपने स्कूलों को हुडा प्रशासक से बहाल करा लिया।
मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने केन्द्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर व भाजपा विधायक विपुल गोयल, मूलचंद शर्मा, संसदीय सचिव सीमा त्रिखा को याद दिलाया है कि उनकी जीत में शहर व देहात के गरीब, पिछड़े व मध्यम वर्ग के अभिभावकों का काफी योगदान रहा है। अत: स्कूलों की कोई भी मदद करने से पहले अभिभावकों के हितों की अवश्य सोचें और मंच द्वारा उन्हें दिए गए ज्ञापन तथा उसके साथ लगाए गए सीबीएसई, हुडा, शिक्षा नियमावली 2003 के सभी नियम-कानून व प्रावधानों को अवश्य पढ़ें, जिससे उन्हें पता चल जाएगा कि निजी स्कूल किस प्रकार नियम कानूनों का उल्लंघन करके छात्र व अभिभावकों के साथ लूट-खसौट व मनमानी कर रहे हैं।
शिवकुमार जोशी ने बताया कि हुडा ने शहर के अधिकांश नामी-गिरामी स्कूलों के 99 साल के पट्टे पर बहुत ही रियायती दर पर सरकारी जमीन आवंटित की है और उन पर हुडा ने दर्जनों नियम-कानून लागू किए हैं जिनका स्कूल प्रबंधक शुरू से ही उल्लंघन कर रहे हैं। जिन 18 स्कूलों का पहले भूमि आवंटन रद्द किया गया था उन्हें इस शर्त पर बहाल किया गया था कि वे आगे से हुडा के सभी नियम-कानूनों का पालन करेंगे। इसके लिए उनसे एक एफिडेविट भी लिया गया था। लेकिन स्कूल प्रबंधकों ने अपने एफिडेविट का सम्मान नहीं किया और फिर से नियम-कानूनों का उल्लंघन करना शुरू कर दिया।
डॉ. मनोज शर्मा ने बताया कि हुडा नियमों के तहत प्रत्येक स्कूल को अपने स्कूल में 20 प्रतिशत दाखिला गरीब-पिछड़े व अन्य वर्गों के मेधावी छात्रों को दाखिला देकर उनसे सरकारी स्कूलों की भांति फीस वसूलने का प्रावधान है। लेकिन आज तक किसी भी स्कूल ने इस नियम के तहत किसी भी छात्र को दाखिला नहीं दिया, इसकी जगह वे हुडा विभाग को उन बच्चों की सूचि उपलब्ध करा देते हैं जिनकी उन्होंने फीस माफ कर रखी है। हुडा के अन्य नियमों के तहत सबसे पहले दाखिला अपने क्षेत्र के बच्चों को देना होता है, अपने स्कूल की मैनेजमेंट कमेटी में हुडा विभाग का एक अधिकारी शामिल करना होता है, नये शिक्षा सत्र से पहले अपने स्कूल की दाखिला पॉलिसी व फीस संरचना की जानकारी हुडा विभाग को देनी पड़ती है, अपने स्कूल के अंदर किताब, कापी, वर्दी, कोचिंग सेंटर आदि खोलने की पूरी तरह से मनाही है, हुडा विभाग द्वारा स्वीकृत किए गए बिल्ंिडग प्लान से अधिक अवैध निर्माण करने की मनाही है, जिस क्लास स्तर तक स्कूल चलाने के लिए जमीन दी गई है उससे अधिक अपने स्कूल को अपग्रेड करने की भी मनाही है, निजी स्कूल प्रबंधक उपरोक्त सभी नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं।
मंच ने हुडा प्रशासक फरीदाबाद से भी कहा है कि एस्टेट ऑफिसर हुडा फरीदाबाद के द्वारा की गई इस रिज्यूम की कार्यवाही के खिलाफ स्कूलों द्वारा की जाने वाली अपील पर कोई भी कार्यवाही करने से पहले वह मंच का भी पक्ष अवश्य जानें। मंच ने जिला कमेटी की बैठक रविवार को बुलाई है जिसमें हुडा विभाग द्वारा की गई इस कार्यवाही पर विचार-विमर्श किया जाएगा।